मंडी।। पूर्व केंद्रीय मंत्री और दूरसंचार घोटाला मामले को लेकर पहचाने जाने वाले पंडित सुखराम ने एक बार फिर पार्टी बदल ली है। बीजेपी छोड़ वह अपने पोते आश्रय शर्मा के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। गौरतलब है कि सुखराम परिवार (राज्य सरकार में मौजूदा ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा सहित) 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुआ था।
उस समय यह तर्क दिया गया था कि कांग्रेस में उनका सम्मान नहीं किया जा रहा। मगर अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दादा सुखराम और पोते आश्रय उसी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और कांग्रेस प्रदेशाध्क्ष कुलदीप राठौर ने भी इसकी पुष्टि की है। इस कदम से आश्रय के पिता और सुखराम के बेटे अनिल शर्मा की स्थिति खराब हो गई है जो बीजेपी सरकार में मंत्री हैं।
बता दें कि आश्रय शर्मा खुद के लिए बीजेपी के टिकट की मांग कर रहे थे। उनके दादा सुखराम भी यही मांग कर रहे थे। मगर बीजेपी ने दोबारा रामस्वरूप शर्मा को ही टिकट दिया जिससे आश्रय की उम्मीदों को झटका लगा। अब यह चर्चा है कि आश्रय को कांग्रेस का टिकट मिलना तय है और सोमवार शाम 6 बजे तक ऐलान हो सकता है।
चुनाव से पहले बदलते रहे हैं पाला
सुखराम ने पहले कांग्रेस से अलग होकर हिमाचल विकास कांग्रेस बनाई थी, फिर बीजेपी की सरकार को समर्थन दिया था, फिर हिविकां को भंग कर दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गए थे, फिर 2017 में भाजपा में आने के बाद दोबारा कांग्रेस में चले गए हैं।