बिना फायर सलामी, गोलियों के बिना ही अंतिम विदाई देने पहुंची टुकड़ी

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अमित पुरी, गंगथ।। देश की सेवा में जुटे रहने वाले हमारे सैनिक जब कभी किसी मोर्चे पर शहीद हो जाएं या अन्य कारणों से जान गंवा दें, तब उन्हें संबंधित सैन्य टुकड़ी आखिरी विदाई के दौरान सलामी देती है। इस दौरान आपने भी देखा होगा कि किस तरह राइफलों से फायर करके सलामी की जाती है। मगर कांगड़ा जिले के गंगंथ में सलामी दी गई और वह भी बिना फायर के।

जानकारी अनुसार उपमण्डल इंदौरा के अधीन पड़ती पंचायत बलाख के गांव बासा लोकबां के अमरजीत सिंह ( 40) सपुत्र कालू राम जो कि सशस्त्र सीमा बल (SSB) फरीदाबाद मे तैनात थे, बीती रात को अपनी निजी गाड़ी से दिल्ली से घर छुट्टी पर आ रहे थे। मगर पंजाब के मुकेरियां में अज्ञात वाहन के साथ टक्कर के कारण उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

उनके साथ उनकी भांजी भी थी, जो खतरे से बाहर है मगर अमरजीत की मौके पर ही मौत हो गई। रविवार को अमरजीत का उनके पैतृक गांब बासा मे अन्तिम संस्कार था। उन्हें सलामी देने के लिए एसएसबी की टुकड़ी आई थी मगर बिना फायर के ही सलामी दे दी गई।

सलामी देने आई टुकड़ी में शामिल एसएसबी के सब इन्सपेक्टर एस एस पठानिया का कहना था कि उन्होंने इसके लिए राउंड (गोलियों) के लिए अप्लाई किया था मगर उन्हें मिले नहीं। जब लोगों ने इस संबंध में पूछा तो सैनिकों ने दबे स्वर में बताया कि उन्हें राउंड दिए ही नहीं जाते।

उधर मृतक अमरजीत अपने पीछे पत्नी, बेटी, बेटे और मां को छोड़ गए हैं। उनकी असामयिक मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर है।