इन हिमाचल डेस्क।। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके बताया था कि सोलन में हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने मशरूम के उत्पादन के प्रोत्साहन के लिए बहुत काम किए हैं। इसके बाद मशरूम उत्पादक असोसिएशन ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए क्रेडिट मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को दिया था। मगर हिमाचल प्रदेश के प्रतिष्ठित फ्रूट साइंटिस्ट डॉक्टर चिरंजीत परमार ने लिखा है कि हिमाचल में मशरूम ना तो धूमल ने उगाए, न वीरभद्र सिंह और ना ही उनसे पहले के किसी मुख्यमंत्री ने।
डॉक्टर परमार ने फेसबुक पर अफनी पोस्ट में लिखा है- ‘हिमाचल में मशरूम ना तो धूमल ने उगाई, न वीरभद्र सिंह और ना ही उनसे पहले के किसी मुख्य मंत्री ने. हिमाचल में मशरूम उगाने के सबसे पहले सफल प्रयत्न किये थे डा. सोही ने पचास के दशक के अंत और साथ के दशल के शुरू में. डा. सोही कृषि विभाग में असिस्टेंट प्लांट पैथोलोजिस्ट (या प्लांट पैथोलोजिस्ट) थे. उनहोंने इस काम की शुरुआत कृषि विभाग के सोलन स्थित एक छोटी सी प्रयोगशाला से शुरू की थी. यह प्रयोगशाला संत ल्यूक्स स्कूल के पास थी. उन के जाने के बाद इस काम को डा. सेठ ने जारे रखा और फैलाया. उसके बाद यह काम जब चम्बाघाट की बिल्डिंग बनी तो वहां शिफ्ट कर दिया गया.’
आगे डॉक्टर परमार लिखते हैं, ‘यह डा. सेठ के प्रयत्नों का ही परिणाम है कि सोलन आज मशरूम टाउन के नाम से जाना जाता है. पता नहीं दिव्य हिमाचल का यह संवाददाता धूमल और वीरभद्र को बीच में कहाँ से ले आया।’ आगे वह लिखते हैं, ‘अगर डेटा चाहिए था कि नौणी यूनिवर्सिटी में किसी से बात कर लेनी थी. डा. सेठ नौणी में प्लांट पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष थे और मशरूम के खेती के बहुत प्रसिद्द विशेषज्ञ थे. दुर्भाग्य से उनकी अकाल मृत्यु हो गयी थी. बहुत ही दुःख की बात है कि प्रदेश के इन पत्रकारों को केवल मिनिस्टर लोग ही नज़र आते हैं.