एमबीएम न्यूज, सुंदरनगर।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेे पिछले कार्यकाल में ही वीआईपी कल्चर खत्म करने के मकसद से मंत्रियों, अधिकारियों आदि की गाड़ी से लाल बत्ती और अन्य प्रतीक हटाने का फैसला किया था। मगर हिमाचल प्रदेश के विधायक इस पहल को ठेंगा दिखा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में सरकार बनते ही एनडीए बैठक को संबोधित करते हुए भी कहा था कि देश को वीआईपी कल्चर से बचना चाहिए। मगर शायद कुछ नेताओं का वीआईपी बनने का मोह नहीं छूट रहा। एक ओर जहां कई विधायक अपनी गाड़ियों में कोई प्रतीक चिह्न नहीं लगा रहे मगर कुछ अभी भी स्टिकर आदि लगा रहे हैं। इसका नजारा बुधवार को सुंदरनगर में देखने को मिला जब मंडी जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के विधायक आभार रैली और रोडशो के लिए पहुंचे थे।
क्या कहता है कानून
मोटर व्हीकल एक्ट, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के भी स्पष्ट आदेश है कि किसी भी अनाधिकृत वाहन पर पदनाम, मुहर, विभागीय पद, धार्मिक संग़ठन, संस्था, प्रेस, आर्मी, पुलिस, डॉक्टर, अधिवक्ता, राष्ट्रीय या राजकीय चिन्ह का उपयोग करना अवैध है। बावजूद इसके बड़े ऊंची पहुंच के लोगों, अधिकारियों, राजनेताओ, मीडिया कर्मियो,एडवोकेटस,ब्यूरोक्रेटस, संस्थाओं द्वारा स्टेटस सिंबल के लिए नेम प्लेट लगाने व वाहनों पर पदनाम का उपयोग कर कानून को सरेआम नजरअंदाज किया जा रहा है।
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ऐसा ही नजारा बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सुंदरनगर में स्वागत के दौरान देखने को मिला। यहां लग्जरी वाहनों में सवार होकर विभिन्न क्षेत्रों से आए विधायकों के वाहनों पर वीआईपी नम्बर प्लेटो के साथ स्टेटस के लिए उनके पदनाम भी लिखे गए थे। वहीं कुछ एक ने वाहनों पर बकायदा स्टीकर चिपका रखे थे। गौरतलब है कि इस सबंध में परिवहन विभाग पहले भी कई बार विभिन्न अथॉरिटीज को कार्रवाई के निर्देश दे चुका है। बावजूद इसके अनधिकृत तौर पर पदनाम लिखे वाहनों को तादाद बढ रही है।
(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)