चंबा।। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में खजियार को मिनी स्टिवजरलैंड कहा जाता है। मगर इन दिनों यह वन्य प्राणी अभयारण्य ओपन रेस्तरां बना हुआ है। ‘पंजाब केसरी’ की रिपोर्ट के मुताबिक इस मैदान में मौजूद होटेल और रेस्ट्रॉन्ट अपने फायदे के लिए इसे इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक यहां आने वाले पर्यटक इस बात को देखकर हैरान हो जाते हैं कि आखिरी ये होटल और रेस्तरां वाले कैसे इस अवैध काम को वन्य प्राणी विभाग के रहते अंजाम दे रहे हैं।
अखबार ने चिंता जताई है कि इस वन्य प्राणी संरक्षण अभयारण्य मैदान को होटल और रेस्ट्रॉन्ट मालिकों ने अपने फायदे के लिए पूरी तरह से प्रयोग कर रखा है लेकिन विभाग खामोश है। साथ ही एक और बात बताई गई है कि जब वन मंत्री या कोई बड़ा अधिकारी खजियार आता है तो उस रोज ऐसा कुछ नजारा देखने को नहीं मिलता है मगर उनके जाते ही फिर से ऐसे ही हालात बन जाते हैं। अखबार ने लिखा है कि वन मंत्री के गृह जिले में वन्य प्राणी अभयारण्य संरक्षण स्थल में इससे जुड़े कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं लेकिन विभाग और प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं।
बताया गया है कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में खजियार मैदान में मौजूद निजी भूमि पर हुए निर्माण और अवैध कब्जे को हटाने का मामला को पेंडिंग है और कुछ लोगों ने स्टे लिया है। मगर मैदान के जिस भाग को होटल वाले इस्तेमाल कर रहे हैं, वह संरक्षित स्थल है यानी वहां इस तरह की कोई गतिविधि नहीं हो सकती। अखबार लिखता है कि यह कानून यूं तो बेहद सख्त है लेकिन खजियार में जिस प्रकार से मनमानी हो रही है उसे देखकर ऐसा नहीं लगता है कि वास्तव में ऐसा कोई कानून मौजूद है भी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें