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मंडी के धर्मपुर में कथित पाइप घोटाला बना चर्चा का विषय

मंडी।। हिमाचल प्रदेश के सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के इलाक़े में 25 सार्वजनिक नल लगाने में 12296 पाइपें इस्तेमाल होने की बात सामने आई है। आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर दावा किया जा रहा है कि आईपीएच विभाग मंडल धर्मपुर ने 25 सार्वजनिक नल कनेक्शन के लिए आधे और पौने इंच की हज़ारों पाइपें लगा दी हैं, जिसे कीर्तिमान बताया जा रहा है। अब विभाग के एक्सईएन का कहना है कि इतनी ज्यादा पाइप इस्तेमाल नहीं हो सकतीं। उनका कहना है कि एक बार आरटीआई को चेक करना पड़ेगा कि कहीं कोई गलती तो नहीं हो गई।

एक नल के लिए 491 पाइप?
दरअसल आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर गड़बड़झाले का आरोप लगाने वाले जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले में विभाग का पूरा हाथ है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की पाइप धर्मपुर में लाकर उनका दुरुपयोग करना कहां तक जायज है। उन्होंने आरटीआई से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा है कि मंडल में 25 उपभोक्ताओं के लिए सार्वजनिक नल लगाए गए जिनके लिए सरकारी पाइपें लगाने का प्रावधान है। अगर कुल 12296 पाइपों में देखें तो एक नल लगाने में औसतन 491 पाइपें इस्तेमाल हुईं।

इसका मतलब हुआ कि उस नल और जल के मुख्य स्रोत या पाइपलाइन के बीच की दूरी औसतन साढ़े नौ किलोमीटर बनती है जो कि संभव नहीं है। इस हिसाब से लाखों रुपये की गड़बड़ की आशंका जताते हुए भूपेंद्र का कहना है कि एक नल लगाने में 10-12 पाइप तो लग सकते है मगर 491 पाइप लगाना हज़म नहीं होता।

क्या कहता है विभाग
उधर भराड़ी में बैठने वाले आईपीएच के एक्सईएन मुकेश हीरा ने दैनिक भास्कर अखबार को बताया है कि बीते साल 25 पब्लिक टैप और 146 प्राइवेट नल धर्मपुर उपमंडल में लगे। उनका कहना है कि जितनी पाइपों की जरूरत थी, उतनी ही लगाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि जिला परिषद सदस्य को आरटीआई के माध्यम से जानकारी दे दी गई है। उन्होंने कहा, “मुझे आरटीआई एक बार फिर चेक करनी पड़ेगी कि कहीं कोई गलती तो नहीं हुई है। इतनी ज्यादा पाइप नहीं लग सकते।”

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