शिमला।। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने प्रदेश की प्राइवेट यूनिवर्सिटीज से अयोग्य स्टाफ की छुट्टी करने की तैयारी कर ली है। आयोग इसी हफ्ते यूनिवर्सिटी ऑथोरिटीज़ को ऐसे करीब 285 शिक्षकों को हटाने के निर्देश देगा। कई प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ने यूजीसी के तय मानकों को दरकिनार कर 35 फीसदी शिक्षकों को नियक्तियां दी हैं।
इसके अलावा शैक्षणिक योग्यता की जानकारी न देने पर 20 प्राइवेट कॉलेजों के प्रिंसिपल और प्रबंधन समितियों को भी आयोग ने तलब किया है। निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की जांच में प्राइवेट प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में अयोग्य शिक्षक नियुक्त होने का खुलासा हुआ है। प्राइवेट यूनिवर्सिटीज पर यूजीसी के वर्ष 2009 और वर्ष 2016 के नियम पूरा न करने का आरोप है। कई शिक्षक नेट पास नहीं हैं। नेट पास नहीं होने पर विशेष छूट के लिए भी इनकी ओर से कदम नहीं उठाए गए।
आयोग ने इन्हें अयोग्य करार दिया है। साथ ही संबंधित यूनिवर्सिटीज को उन्हें पद से हटाने को कहा है और उनकी जगह जगह नियम पूरा करने वाले शिक्षकों को नियुक्त करने को कहा है।
आयोग ने कुछ महीने पहले सभी प्राइवेट कॉलेजों के प्रिंसिपलों की शैक्षणिक योग्यता को लेकर दस्तावेज देने को कहा था। अभी तक 20 कॉलेजों ने आयोग को इस बारे में जानकारी नहीं दी है। ऐसे में आयोग ने इन कॉलेजों की प्रबंधन समितियों और प्रिंसिपलों को समन जारी कर जानकारी सहित तलब किया है।
इस बारे आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा मिले, इसके लिए शिक्षकों का योग्य होना जरूरी है। प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को अयोग्य शिक्षकों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।