शिमला।। देश के पहले मतदाता 103 वर्षीय श्याम शरण नेगी का कहना है कि किन्नौर जिले ने विकास के नाम पर बहुत कुछ खोया है। उनके अनुसार 75 साल पहले किन्नौर कुछ और था। आज के किन्नौर में बहुत ज़्यादा अंतर आ चुका है।
नेगी का कहना है कि किन्नौर जिला दिन-प्रतिदिन विकास के रास्ते पर अग्रसर है। लेकिन विकास के नाम पर पहाड़ों को छलनी करना सही नहीं है। पहले किन्नौर जिले में इतनी भूस्खलन की घटनाएं नहीं होती थी। लेकिन जबसे यहाँ हाइड्रो परियोजनाओं का निर्माण शुरू हुआ है। हैवी ब्लास्टिंग के कारण पहाड़ खोखले हो रहे हैं। इसको रोकना ही किन्नौर को बचाने का एकमात्र चारा है
नेगी ने कहा कि 75 साल पहले किन्नौर जिला छह महीने के लिए देश दुनिया से कटा रहता था। उस समय मनोरंजन का भी कोई साधन नहीं था। लोग एक जगह इकट्ठा होकर तोशिम कार्यक्रम का आयोजन करते थे। लेकिन आज ऐसा नहीं है। समय के साथ-साथ किन्नौर में काफी बदलाव हुआ है। आज किन्नौर जिले की हर पंचायत में सड़कें, बिजली, स्वास्थ्य, पानी और टेलीफोन की सुविधा है, लेकिन इसका खामियाजा भी भुगता है।
नेगी ने बटेसरी और निगुलसरी हादसे पर भी दुःख जताया। नेगी ने किन्नौर के युवाओं द्वारा चलाये जा रहे “नो मींस नो, सेव किन्नौर” अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि किनौर के युवा पढ़े लिखें और समझदार हैं। युवाओं ने किन्नौर को बचाने का जो संकल्प लिया है, वह प्रशंसनीय है।
नेगी ने कहा कि हम सभी को मिलकर इस लड़ाई में साथ देना होगा, तभी आने वाली पीढ़ियों के लिए किन्नौर जिले को सुरक्षित कर सकते हैं। अगर किन्नौर के अस्तित्व को बचाने है और किन्नौर जिले को सुरक्षित रखना है तो युवा पीढ़ी को आगे आना होगा।के