काजा।। हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा का रास्ता रोकने पर 123 लोगों को नामजद करने के विरोध में अब और लोग आए हैं। इस संबंध में पुलिस ने 80 महिलाओं समेत 100 को गिरफ्तार किया था जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। मगर अब कुछ और महिलाएं इसके विरोध में खुद गिरफ्तारी देने की योजना बना रही हैं। हिमाचल कांग्रेस ने कहा है कि अगर मामले को वापस न लिया गया तो लाहौल में भी कांग्रेस कार्यकर्ता गिरफ्तारी देंगे।
कृषि मंत्री पिछले महीने की नौ तारीख को ग्रांफू-काजा-समदो मार्ग को बीआरओ से PWD को देने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे मजदूरों से मिलने जा रहे थे। मगर बीच में महिलाओं ने उनका रास्ता रोक लिया था। महिलाओं का कहना था कि वह कोविड-19 के रोकने के लिए बनाए गए नियमों का पालन नहीं कर रहे।
बड़ी संख्या में जुटी महिलाओं ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया था। इसके बाद पुलिस ने 123 लोगों पर सीआरपीसी की धारा 41 A के तहत नामजद किया था। एसपी लाहौल-स्पीति का कहना है कि इनमें 60 फीसदी महिलाएं हैं। उनका कहना है कि जांच के बाद इस संबंध में कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा।
इस मामले में आरोप लग रहे हैं कि मंत्री का रास्ता रोकने के पीछे कांग्रेस का हाथ है। कृषि मंत्री ने भी अपने विरोध को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा था कि वह कोविड-19 नियमों का पालन कर रहे थे और जब वह काजा गए थे तो हिमाचल के अंदर मूवमेंट पर किसी तरह की रोक नहीं थी। मारकंडा स्थानीय विधायक भी हैं।
कांग्रेस बोली- लड़ेंगे क़ानूनी लड़ाई
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं ने कोई क़ानून नहीं तोड़ा है और उन्होंने तो कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए क़ानून की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महिलाओं की क़ानूनी लड़ाई लड़ेगी। वहीं, लाहौल स्पीती कांग्रेस के पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने कहा है कि लोकतंत्र में जनता से विरोध का अधिकार भी छीन लिया गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने पर महिलाओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सहगल का कहना है कि सरकार मामला वापस नहीं लेगी तो कार्यकर्ता लाहौल में भी गिरफ्तारी देंगे।