कांगड़ा।। हिमाचल प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों ने मांग की है कि दो साल से खड़ी स्कूल बसों का टैक्स माफ किया जाना चाहिए।
इस संबंध में जिला कांगड़ा के निजी स्कूलों के मालिकों ने बैठक की। उन्होंने कहा कि 2 साल से स्कूल की बसें खड़ी हैं। अब स्कूल खुलने जा रहे हैं तो बसें चलेंगी लेकिन यह कहा जा रहा है कि इन्हें चलाने से पहले सरकार को टैक्स देना होगा। लेकिन जब बसें सरकार के आदेश के कारण दो साल से खड़ी हैं तो उसका टैक्स क्यों लिया जा रहा है।
स्कूल संचालकों की एसोसिएशन के अध्यक्ष जसवंत डडवाल और उपाध्यक्ष सुशवीन पठानिया ने कहा कि सरकार से कई बार इस मुद्दे को लेकर बात की गई, लेकिन सरकार से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
उन्होंने कहा, “स्कूल संचालक अगर स्कूल खुलने पर अपनी एक बस को चलाने की सोचता है तो उसके ऊपर पासिंग, सभी प्रकार के टैक्स, इन्श्योरैंस व गाड़ी को अनुरक्षण आदि के ऊपर करीब डेढ़ से 2 लाख रुपए खर्च करेगा, जोकि मुश्किल ही नहीं असंभव भी है।”
स्कूल संचालकों ने इस संबंध में कोर्ट जाने का फैसला किया है।