कोरोना से ठीक हो चुके लोग कोविड वॉर्ड में दें सेवाएं: स्वास्थ्य मंत्री

0

शिमला।। हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कोरोना से ठीक हो चुके लोगों से अपील की है कि वे ‘स्वेच्छा से अस्पताल के आइसोलेशन कोविड वार्ड में सेवाएं दें।’ हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि कोरोना को मात दे चुके लोगों को कोविड वार्ड में आकर कोरोना मरीजों के मरीजों का हौसला बढ़ाना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सैजल ने ये बातें मीडिया से बातचीत के दौरान थ कही जब वह सोमवार को आईजीएमसी अस्पताल शिमला के दौरे पर थे। उन्होंने कोरोना को मात दे चुके मरीजों से स्वेच्छा से अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में सेवाएं देने की अपील की। मंत्री ने कहा कि ‘इन मरीजों के ठीक होने के बाद इनमें एंटीबॉडी तैयार हो गई है।’

हेल्थ मिनिस्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘इन लोगों से यहां किसी भी तरह का तकनीकी कार्य नहीं करवाया जाएगा। ये लोग केवल यहां दाखिल मरीजों का हौसला बढ़ाएंगे और उनसे बातचीत कर अपना अनुभव साझा करेंगे।’

लोगों को यह सुझाव थोड़ा अटपटा लग रहा है। अमूमन, कोरोना से उबरने वाले लोगों से स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से कहा जा रहा है कि कोरोना से नेगेटिव हो जाने के बाद वे पूरा ध्यान रिकवरी पर दें और बीमारी से स्वास्थ्य को पहुंचे नुकसान की भरपाई भी करें।

साथ ही, हर व्यक्ति के शरीर में बनी एंटीबॉडी (प्रतिरोधक क्षमता वाले प्रतिजीवी) का स्तर अलग होता है। यही वजह है कि कई लोग एक बार संक्रमित होने के बाद दोबारा संक्रमित हो जा रहे हैं। इसलिए, उन्हें फिर से कोविड संक्रमितों के बीच भेजना उनकी जान को खतरे में डालने के बराबर होगा। अब तक के शोध कहते हैं कि ऐंटीबॉडीज पांच महीनों तक प्रभावी रह सकती हैं मगर फिर भी इससे पहले भी कई लोग दोबारा कोरोना से संक्रमित हुए हैं। इसे रीइन्फेक्शन कहा जाता है। रीइनफेक्शन तब हुआ माना जाता है जब कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने के बाद जब नेगेटिव हो जाए, उसके 90 दिनों के बाद फिर पॉजिटिव पाया जाए।