प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने की पत्रकार संजीव शर्मा पर एफआईआर की आलोचना

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पत्रकार संजीव शर्मा

नई दिल्ली।। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने शिमला पुलिस द्वारा पत्रकार संजीव शर्मा के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की कड़ी निंदा की है। यह मामला उस फेसबुक पोस्ट को लेकर है, जो संजीव शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा की थी। क्लब ने इसे स्वतंत्र पत्रकारिता को डराने और चुप कराने की कोशिश बताया है।

यह मामला हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 29 जुलाई को मॉल रोड के पास एक बुजुर्ग व्यक्ति के सड़क पर गिरने की घटना से जुड़ा है। उस समय पुलिस पर घायल की मदद न करने के आरोप लगे थे। पत्रकार संजीव शर्मा ने उसी से संबंधित पोस्ट अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की थी।

हालांकि शिमला पुलिस ने इस पर कड़ा ऐतराज़ जताया और दावा किया कि घायल व्यक्ति की मदद के लिए तुरंत कार्रवाई की गई थी। पुलिस ने इसे भ्रामक सूचना बताते हुए कहा कि इससे एसपी और पुलिस की छवि खराब करने की कोशिश की गई। इसके बाद पत्रकार संजीव शर्मा और ‘संवाद भारत’ नामक पोर्टल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।

प्रेस क्लब ने अपने बयान में कहा, “यह मामला पत्रकार की उस पोस्ट से जुड़ा है, जो केवल जनता की एक वास्तविक चिंता को सामने लाता है। यह चिंता वैध है और उस पर जवाबदेही होनी चाहिए, न कि पत्रकार को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़े।”

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का बयान

प्रेस क्लब के अध्यक्ष गौतम लाहिरी ने कहा, “देशभर में ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं जहां पत्रकारों को सवाल उठाने के लिए डराया जा रहा है। यह प्रेस की स्वतंत्रता के लिए बेहद चिंताजनक है।”

बयान में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मामले में हस्तक्षेप कर एफआईआर वापस लेने की मांग की गई है। साथ ही पुलिस को प्रेस की कार्यप्रणाली और अभिव्यक्ति की आज़ादी के महत्व को समझने की सलाह दी गई है।

प्रेस क्लब ने दोहराया कि पत्रकार समुदाय किसी भी तरह की डराने-धमकाने की रणनीति के खिलाफ एकजुट है और लोकतंत्र, पारदर्शिता और जनता के जानने के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।