शिमला।। हिमाचल प्रदेश से बाहर फँसे लोगों को संबंधितों ज़िलों के प्रशासन की ओर से ई-पास मिलना शुरू होने की ख़बर है। इसके तहत काफ़ी लोग बाहर की ओर लौटना शुरू हो गए हैं मगर अभी भी यह बात बड़े लोगों तक नहीं पहुँची है क्योंकि सरकार की ओर से इसकी कोई घोषणा नहीं की गई है। सिर्फ़ काँगड़ा के डीसी की ओर से ही इस बारे में आधिकारिक जानकारी दी गई है।
हैरानी की बात यह है कि रोज़ शाम को बुलेटिन जारी करने वाले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी इस संबंध में कुछ नहीं कहा जबकि पूरे प्रदेश की निगाहें उनपर टिकी हुई हैं। ऐसे में सवाल खड़े हो गए हैं कि सरकार करना क्या चाह रही है। क्यों खुलकर इसका एलान नहीं किया जा रहा? जब काँगड़ा के डीसी अपने यहाँ के लोगों के लिए पास जारी करने की बात कह सकते हैं तो पूरे राज्य के लिए ऐसा करने की बात सीएम या सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा करने से क्यों बचा जा रहा है? जबकि यह तो जनता के लिए उठाया जाने वाला अच्छा कदम है।
कांगड़ा के डीसी द्वारा दी गई जानकारी-
दरअसल दो-तीन दिन पहले से ही वॉट्सऐप और सोशल मीडिया पर हिमाचल भवन दिल्ली के डेप्युटी रेज़िडेंट कमिश्नर विवेक महाजन के नाम से एक संदेश वायरल होने लगा था जिसमें कहा गया था कि अगर आप घर लौटना चाहते हैं और आपके पास अपनी गाड़ी है या गाड़ी का इंतज़ाम कर सकते हैं तो ई-पास के लिए आवेदन करें। इसके लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पास के लिए बनाए गए पोर्टल और काँगड़ा प्रशासन के पोर्टल का लिंक दिया था। इसमें लिखा गया था कि आपका बॉर्डर पर टेस्ट होगा और फिर घर पर 14 दिनों के लिए क्वॉरन्टीन भी रहना होगा।
‘इन हिमाचल’ ने इस संबंध में विवेक महाजन से संपर्क किया था तो उन्होंने इसकी पुष्टि की थी और कहा था कि अगर कोई लौटना चाहता है तो वो इस माध्यम से ईपास बना सकता है और सरकार ने यह फ़ैसला किया है। जनहित को देखते हुए हमने इस ख़बर को प्रकाशित करना उचित नहीं समझा क्योंकि रोज़ जब प्रदेश के मुख्यमंत्री हर छोटी बड़ी बात का एलान कर रहे हैं तो वे ही इस बात की घोषणा करें ताकि किसी एक अधिकारी की गलती की वजह से ग़लत संदेश न जाए।
मगर ‘जहां हैं, वहीं रहिए’ की अपील करने वाले सीएम ने इस बात की घोषणा नहीं की कि वह बाहर फँसे हिमाचलियों को प्रदेश में आने की अनुमति दे रहे हैं और अर्जेंट केस (मृत्यु या अन्य इमर्जेंसी आदि) के अलावा भी लोग आ सकते हैं। लेकिन, आज काँगड़ा के डीसी राकेश प्रजापति ने बताया है कि पास हासिल करके काँगड़ा के लोग जो बाहर फँसे हैं, वापस हिमाचल लौट सकते हैं।
काँगड़ा के अलावा अन्य ज़िलों के लोग भी ऐसा कर सकते हैं या नहीं, इस संबंध में कोई भी आधिकारिक सूचना सार्वजनिक नहीं हुई है। यह ज़रूर है कि बाक़ी ज़िलों के लोग भी जिला प्रशासन से इस तरह पास हासिल कर रहे हैं और अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं। कुल मिलाकर पूरे मामले में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
मामला संवेदनशील है, ऐसे में इस तरह के अहम फ़ैसले सर्वोच्च पदों पर बैठे लोगों की ओर से आएं तो ही उनकी विश्वसनीयता होती है। मगर कोरोना के पूरे मामले में राज्य सरकार ने जिस तरह से कई-कई फ़ैसले लिए, उन्हें पलटा और कुछ फ़ैसलों का ख़ुद एलान न करके निचले अधिकारियों या अन्य माध्यमों से प्रचारित किया, उससे सरकार पर भरोसे का संकट पैदा हो गया है।