मंत्री के बेटे ने दी थी ट्रांसफर की धमकी, अब पूरे स्टाफ का तबादला

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रितेश चौहान, मंडी, फ़ॉर इन हिमाचल।। कुछ समय पहले जिला श्रम कार्यालय मंडी में घटे धमकी प्रकरण का पूरे स्टॉफ की ट्रांसफर के साथ अंत हो गया। हालांकि ये मामला सत्ता के गलियारों में कई सवाल भी खड़े कर गया है। किसी ने नहीं सोचा था कि जलशक्ति मंत्री के पुत्र रजत ठाकुर अपनी धमकी को सच साबित करवाकर ही दम लेंगे। हालांकि, मंत्री ने इन आरोपों को गलत बताया है।

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गत वर्ष मंडी में जिला लेबर कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के साथ हुई बहस में दो महिला कर्मचारी को व अन्य स्टाफ सदस्यों को धमकाते नजर आए थे और उसका नजला अब पूरा स्टाफ की बदली करके गिरा है। पूरे मंडी जिले में यह वाकया आज चर्चा का विषय बना हुआ है।

मज़दूर संग़ठन सीटू की ज़िला कमेटी ने मंडी लेबर ऑफिस व राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के सभी कर्मचारियों को एक साथ ट्रांसफर करने की निंदा की है और इसे मज़दूर विरोधी फैसला बताया है। सीटू के ज़िला अध्यक्ष व पूर्व ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह व महासचिव राजेश शर्मा ने आरोप लगाया है कि कथित तौर पर ये सब धर्मपुर के विधायक व जलशक्ति मन्त्री के दबाब में किया गया है क्योंकि गत वर्ष मन्त्री के बेटे ने इन कर्मचारियों को दफ़्तर में जाकर धमकी दी थी।

हालांकि, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि ना तो श्रम विभाग मेरे अधीन है और ना ही इन कर्मचारियों के तबादलों में मेरी कोई भी भूमिका है, तबादले श्रम विभाग द्वारा ही किए गए हैं और यह रूटीन प्रक्रिया के तहत किए गए हैं।

सीटू नेताओं ने आरोप लगाया है मंत्री के बेटे ने महिला कर्मचारियों को रोहडु और सिरमौर ट्रान्स्फ़र क़रने की धमकी के अलावा उन्हें अपशब्द भी कहे थे। उस समय मुख्यमंत्री ने मन्त्री पुत्र का बचाव किया था जबकि सोशल मीडिया पर मन्त्री पुत्र के अभद्रतापूर्ण व्यवहार का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें महिला कर्मचारियों को रुलाया गया था। उसके बाद जलशक्ति मन्त्री ने धर्मपुर के मनरेगा मज़दूरों को वर्ष 2017 में स्वीकृत सामान को अब तक वितरित नहीं होने दे रहे हैं।

भूपिंदर ने आरोप लगाया, “अब वे मज़दूरों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृति,विवाह शादी व अन्य लाभों को भी बन्द करवाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने ज़िला परिषद सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह की पूर्वसंध्या पर मंडी सर्कट हाऊस में मुख्यमंत्री जयराम के सामने लेबर ऑफिस के सारे स्टाफ़ को तलब किया गया था और उनकी मर्जी के अनुसार व उनकी पसंद के अनुसार सामान वितरण के लिए दबाब डाला।”

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