अब रथ यात्रा के नाम पर करोड़ों खर्च करने की तैयारी में हिमाचल सरकार

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शिमला।। “हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर प्रस्तावित रथ यात्रा प्रदेश के 50 वर्षों के शानदार सफर को लेकर लोगों में अपनत्व की भावना उत्पन्न करेगी।” मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज यहां प्रस्तावित स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।

हालांकि, बेराजगारी और कर्ज से जूझ रहे हिमाचल में ऐसी यात्रा निकालने पर भारी भरकम खर्च होना तय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा में प्रदेश के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि रथों की बनावट में एकरूपता और आकर्षण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रथ यात्रा संभवतः हिमाचल दिवस के पावन अवसर पर 15 अप्रैल को आरम्भ होगी, जो प्रदेश के सभी क्षेत्रों से होकर गुजरेगी।

सीएम ने कहा कि यात्रा के दौरान सभी प्रमुख विभागों को अपनी उपलब्धियों को चिन्हांकित करने के लिए सक्रियता से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। यह रथ यात्रा पिछले 50 वर्षों के दौरान हिमाचल प्रदेश द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रथ यात्रा संबंधित क्षेत्र की दो-तीन पंचायतों के सभी क्लस्टर से होकर निकलेगी, जहां राज्य की उपलब्धियां के बारे में गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को विशिष्ट रूप से दर्शाया जाए। उन्होंने कहा कि उन स्थानों की उपलब्धियों को भी उजागर करने के प्रयास किए जाएंगे, जहां से रथ यात्रा निकलेगी।

रथ यात्रा को आकर्षक और सूचनात्मक बनाने के लिए रथ यात्रा समिति गठित की जाएगी। रथ पर लगाई जाने वाली एलईडी स्क्रीनों पर विभिन्न विभाग अपनी विकासात्मक यात्रा पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शित करेंगे। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग पिछले 50 वर्षों में राज्य की विभिन्न उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के साथ-साथ प्रदेश सरकार की विभिन्न उपलब्धियों पर आधारित विवरणिका और पुस्तिकाएं तैयार करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रथ यात्रा में सांस्कृतिक दल भी शामिल होंगे जो न केवल लोगों का मनोरंजन करेंगे बल्कि गीतों और नाटकां के माध्यम से प्रदेश की स्वर्णिम यात्रा को भी प्रदर्शित करेंगे। इसके अलावा रथ यात्रा में स्वर्णिम हिमाचल विषय पर आधारित जिंगल और गीतों के माध्यम से प्रदेश की विकासात्मक यात्रा को दिखाया जाएगा।

खंड और पंचायत स्तर के एक निर्धारित स्थान पर रथ यात्रा पहुंचने पर स्थानीय पंचायती राज संस्थाओं और क्षेत्र के गणमान्य लोग इसका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मौके पर इतिहास पर चर्चा, भाषण और चित्र प्रतियोगिताएं जैसी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिसमें विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित रथ यात्रा एक सम्बन्धित क्षेत्र में एक दिन निकलेगी जहां रथ को रखा जाएगा और स्थानीय लोग कार्यक्रम आयोजित करेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें महिला मण्डलों और युवक मण्डलों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। रथ यात्रा संबंधित जिले और क्षेत्र की विशेषताओं को भी प्रदर्शित करेगी। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी सम्बन्धित विभाग रथ यात्रा के लिए अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।

सचिव सामान्य प्रशासन देवेश कुमार ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया और इस यात्रा से सम्बन्धित उपायुक्तों के सुझावों पर आधारित प्रस्तुति दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह एवं निशा सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, सचिव सन्दीप भटनागर एवं अमिताभ अवस्थी, निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा, निदेशक पर्यटन यूनुस, निदेशक ग्रामीण विकास ललित जैन, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन, निदेशक भाषा, कला एवं संस्कृति सुनील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।