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विधनासभा उपाध्यक्ष हंसराज ने पद की गरिमा भूल पार्टी की रैली में लगाए नारे

चंबा।। हिमाचल प्रदेश विधान सभा में 68 विधायक है और उनमें से चुने जाने वाले विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद संवैधानिक पद माने जाते हैं। चूँकि विधानसभा उपाध्यक्ष को अध्यक्ष की ग़ैरमौजूदगी में विधानसभा चलानी होती है, इसलिए वह पार्टी की गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते। क्योंकि इस पद के साथ निष्पक्षता की ज़िम्मेदारी जुड़ जाती है।

भाजपा ने नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर कांगड़ा के सांसद किशन कपूर की अगुवाई में चंबा के चुराई में रैली निकाली जिसमें स्थानीय विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने नारेबाज़ी की।

अक्सर वह मंचों से अधिकारियों को उनके कर्तव्यों की याद दिलाते हुए फटकारते नज़र आते हैं मगर शायद वह ख़ुद भूल गए कि उनका पद उनसे कैसे आचरण की अपेक्षा रखता है। हाल ही में पावंटा साहिब में हुए जनमंच में उनके व्यवहार का एक वीडियो वायरल हुआ था।

नीचे देखें-

डीसी और एसपी से माफी मंगवाने पर तुले विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज

डीसी और एसपी से माफी मंगवाने पर तुले विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज

 

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