आउटसोर्स नियुक्तियों पर पुनर्विचार के बाद लग सकती है रोक

महेंद्र सिंह ठाकुर

धर्मशाला।। सिंचाई व जनस्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार आउटसोर्स के आधार पर भर्तियां करने पर पुनर्विचार करेगी। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स के माध्यम से भर्तियों में काफी खामियां पाई गई हैं। ऐसे में सरकार इस प्रक्रिया के माध्यम से भर्ती करने पर रोक लगाने पर विचार कर रही है।

महेंद्र सिंह ठाकुर आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान रामलाल ठाकुर और राकेश सिंघा द्वारा पूछे गए संयुक्त सवाल का जवाब दे रहे थे। महेंद्र सिंह ने कहा कि बीते तीन साल के दौरान सिंचाई व जनस्वास्थ्य विभाग में फीटर, पंप आपरेटर, बेलदार और चौकीदारों के पदों पर 9345 लोगों की अनुबंध और आउटसोर्स आधार पर भर्ती की गई।

उन्होंने कहा कि विभाग की इस समय प्रदेश में 12368 योजनाएं चल रही हैं, जिनको सुचारू रूप से चलाने के लिए 48555 लोगों की जरूरत है। जबकि विभाग के पास केवल 18810 लोग ही इन योजनाओं को चलाने के लिए उपलब्ध हैं। उन्होंने माना कि प्रदेश में योजनाओं की संख्या बढ़ रही है, जबकि मैनपावर घट रही है।

उन्होंने विभाग में मैनपावर घटने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विभाग में डाईंग और लाइव कैडर के हिसाब से दो कैडर बना दिए, जिसका विभाग को सबसे अधिक नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि विभाग की कमियां सीएम के ध्यान में लाई जाएंगी ताकि इनका समाधान हो सके।

महेंद्र सिंह ने एक प्रतिपूरक सवाल पर कहा कि विभाग द्वारा 512 योजनाओं को आउटसोर्स के आधार पर चलाने के निर्णय लिया गया। इनमें से 446 योजनाएं ठेकेदारों द्वारा चलाई जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं में सबसे ज्यादा दिक्कत है, क्योंकि इनमें ठेकेदारों ने प्रशिक्षित लोग नहीं लगाए हैं।

इसी मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार से पूछा कि वह आउटसोर्स के माध्यम से भर्तियां क्यों कर रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार आउटसोर्स से भर्तियों पर तुरंत रोक लगाए। इसी मुद्दे पर विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक पानी सबका मौलिक अधिकार है और सरकार को सभी लोगों को पानी उपलब्ध करवाना ही होगा। इस संबंध में मोहन लाल ब्राकटा और सुखराम चौधरी ने भी प्रतिपूरक सवाल पूछे।

सड़कों और पुलों के निर्माण से संबंधित ठाकुर राम लाल के एक सवाल के जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई के लिए उपायुक्त अपनी इच्छा से पैसा आवंटित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यह पैसा नुकसान के हिसाब से आवंटित किया जाता है। जहां ज्यााद नुकसान होगा, वहां सरकार ज्यादा पैसा देती है।

सीएम ने मूल प्रश्न के उत्तर में कहा कि बिलासपुर जिले में 2018-19 के दौरान सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए विभिन्न केंद्रीय और राज्य योजनाओं और विधायक व सांसद निधि से 57 करोड़ रूपए जारी किए गए।

इसी सवाल पर राम लाल ठाकुर ने आरोप लगाया कि बरसात से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राजनीतिक आधार पर पैसे का आवंटन हो रहा है और केवल चुनिंदा पंचायतों को ही पैसा आवंटित हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल भी उन्हीं पंचायतों को पैसा जारी किया गया, जिन्हें पिछले साल पैसा दिया गया था।