नाहन।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने श्रीरेणुकाजी मेले में लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि उन्होंने क्यों पानी में सब्सिडी को खत्म करने का फैसला लिया है। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में लोगों के लिए निशुल्क किए गए पानी पर दोबारा से बिल लेने के बचाव में कहा कि बीजेपी सरकार ने होटलों और उद्योगों का पानी फ्री कर दिया था, जिस कारण पानी की क्वॉलिटी में सुधार नहीं हो पाया।
सीएम ने कहा, “जनसंख्या के आधार पर देश में कैंसर से सबसे ज्यादा मामले पूर्वोत्तर के बाद हिमाचल में देखने को मिल रहे हैं। हम साफ पानी नहीं पी रहे हैं। इसमें क्लोरीन और चूने के पानी की गंध आती है। इससे हमारा शरीर कमजोर हो जाता है और बीमारियां अपना रूप धारण कर लेती हैं।”
सीएम ने कहा कि रेवड़ियां बांटने के कारण प्रदेश में अच्छा पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
इस बीच यह सवाल उठने लगा है कि अगर मुख्यमंत्री को यह जानकारी है कि हिमाचल में जल शक्ति विभाग, जो कि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के पास है, वह पानी में जहरीले रसायन मिला रहे हैं जिनसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो रही है, तो उसे रोका क्यों नहीं जा रहा?
सरकार को अगले महीने सत्ता में आए दो साल होने वाले हैं। मुख्यमंत्री अब तक यह ब्योरा भी नहीं दे पाए हैं कि ग्रामीण इलाकों में पानी पर दी गई सब्सिडी और उद्योगों की दो गई सब्सिडी, दोनों अलग विषय थे या नहीं और जब सब्सिडी को खत्म कर दिया गया है तो उससे राजस्व में कितनी बढ़ोतरी हो रही है।
सीएम या उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने यह प्लान भी सामने नहीं रखा है कि सब्सिडी खत्म करने से आने वाले पैसे से पानी की गुणवत्ता में कैसे सुधार हो जाएगा, जो कि पहले नहीं हो पा रहा था। साफ पानी, जो कैंसर न फैलाए, उसे मुहैया करवाने की डेडलाइन क्या है, यह भी साफ नहीं है।