डीएम पर आरोप- रिटायर होने पर घर ले गए HRTC का मोबाइल और नंबर

0

रितेश चौहान, फ़ॉर इन हिमाचल, सरकाघाट।। सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट पर उनके सम्मान में सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है। अन्य कर्मचारियों और लोगों द्वारा उन्हें तोहफे भी प्रदान किए जाते हैं। लेकिन यहाँ एक एचआरटीसी के डीएम साहब को सरकार द्वारा दिया गया वीआईपी नंबर और मोबाइल इतना पसंद आ गया कि साहब रिटायर होने पर अपने साथ ही ले गए।

एचआरटीसी के डीएम मंडी अमरनाथ सलारिया रिटायर होने के बाद अपने साथ सरकार द्वारा दिया गया वीआईपी मोबाइल नंबर और मोबाइल भी ले गए हैं। साहब को रिटायर हुए पूरे दो महीने हो गए हैं, परंतु वह अभी भी सरकारी फोन और नंबर का प्रयोग कर रहे है। साहब द्वारा इस नंबर का प्रयोग किए जाने का खामियाजा रोज़ाना हजारों यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। साहब न तो सवारियों के फोन उठाते हैं, अगर उठा भी लें तो इसे अपना व्यक्तिगत बताते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग भी करते है। साथ ही उन्हें ड़ीएम के दूसरे नंबर पर फोन करने को कहते हैं।

बता दें कि डीएम मंडी का मोबाइल नंबर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के करीब 700 बसों पर अंकित किया गया है। इसमें साफ लिखा है कि किसी भी परेशानी के लिए सवारियां डीएम या आरएम से इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।

यहां बताते चलें कि पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान परिवहन मंत्री जीएस बाली ने परिवहन निगम के सभी डीएम और आरएम से लेकर आला अधिकारियों को वीआईपी श्रेणी के मोबाइल नंबर के साथ-साथ एंड्रॉयड फोन भी प्रदान किए थे।यह फोन इसलिए दिए गए थे ताकि रात दिन अधिकारी सवारियों के फोन अटेंड कर सके। बकायदा यह नंबर प्रदेश की सभी बसों पर अंकित किए गए थे। ऐसा ही डीएम मंडी का नंबर 9418000516 भी सरकार ने उन्हें दिया था।

बस में लिखे नम्बर

पोस्टपेड सिम वाले इस नंबर का बिल सरकार द्वारा भरा जा रहा है और यह नंबर कुल्लू, केलांग, मंडी, सरकाघाट, सुंदरनगर, धर्मपुर डिपो की करीब 700 बसों पर अंकित किया गया है।

अब सवाल यह पैदा होता है कि आखिरकार किस ने डीएम को वीआईपी नंबर और फोन ले जाने की इजाजत दी। अगर डीएम का यह व्यक्तिगत नंबर है या ऐसा कोई सरकार के पास नियम है जिसके तहत कर्मचारी सरकार द्वारा दिए गए नंबर को रिटायर होने के बाद या ट्रांसफर होने के बाद अपने पास रख सकता है तो इसका खामियाजा कौन भुक्तेगा।

कौन करेगा खर्च की भरपाई

डीएम मंडी का मोबाइल नंबर 6 डिपो की क़रीब 700 बसों पर अंकित है। अगर अब यह नंबर वह अपने पास रखते हैं और दूसरे डीएम का नंबर अंकित किया जाता है तो 700 बसों पर इसे मिटाने और दोबारा लिखने के खर्च की भरपाई कौन करेगा।

यहां यह भी बताना जरूरी है कि 2 महीने पहले डीएम रिटायर हो चुके है। इस दौरान चार्ज दूसरे अधिकारी के पास था और अब डीएम का चार्ज किसी और के पास है। ऐसे में इस नंबर को लेकर जांच क्यों नहीं गई। यह भी एक सवालिया निशान है।

किसने क्या कहा

डीएम मंडी अमरनाथ सलारिया 30 मई 2021 को एचआरटीसी से रिटायर हुए हैं। तब से लेकर इस माह तक चार्ज सुंदरनगर डिपो के आरएम विनोद कुमार के पास था। उन्होंने कहा कि चार्ज मेरे पास था। मुझे ना तो कोई मोबाइल दिया गया था। ना ही उन्हें नंबर के बारे में मालूम है।

डीएम मंडी डॉक्टर संतोष कुमार ने कहा कि मुझे चार्ज लेते दौरान बताया गया कि यह नंबर उनका पर्सनल नंबर था। ना तो उन्हें कोई फोन दिया गया, ना ही कोई नंबर। इतना जरूर है कि निगम की सभी बसों और मंडी डिपो पर यही नंबर अंकित है।

उधर, रिटायर्ड डीएम अमरनाथ सलारिया ने कहा कि मेरे पास एचआरटीसी प्रबंधन ने कोई भी फोन नहीं दिया था। सिम सरकार की जरूर थी, परंतु मैंने यह नंबर अपने नाम पर रिटेंन करवा लिया है। मेरे से पहले वालों ने भी ऐसा किया है, मैं अकेले थोड़े हूं।

मामले की होगी जांच : एमडी

एचआरटीसी के एमडी संदीप कुमार ने कहा की निगम ने सभी डीएम,आरएम और अन्य आला अधिकारियों को एक ही सीरीज के मोबाइल नंबर और एंड्रॉयड दिए हैं, जिनका बिल निगम भर रहा है। रिटायर होने के बाद डीएम ने फोन और सिम क्यों नहीं लौटाई इस मामले को लेकर जांच की जाएगी।