शिमला।। पिछली सरकार जहां अवैध कब्जाधारियों के कब्जे नियमित करने के लिए जुटी रही, मई सरकार अवैध निर्माण करने वाले होटलों को राहत देने की तैयारी कर रही है।
बता दें कि एनजीटी के कड़े रुख के चलते अवैध निर्माण करने वाले होटलों में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकार इन्हें राहत देने के लिए योजना बना रही है। शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी ने चंबा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “सरकार अपने दायित्व को समझते हुए लोगों के हितों को समझेगी और उन्हें सुरक्षित बनाने के लिए संभव कदम हो उसे उठाया जाएगा।”
लेकिन सवाल उठता है कि क्या अवैध कब्जा करने वाले या अवैध निर्माण करने वाले मासूम लोग हैं जो उन्हें राहत दी जाए? इस तरह से साबित होता है कि सरकार किसी की भी रहे, कानून तोड़ने वालों की मौज है और सरकारों का इन्हें संरक्षण देना और लोगों को भी कानून तोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।
मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा,”पिछली सरकार ने डेढ़ वर्ष तक कुछ नहीं किया। अगर किसी ने होटल संचालक ने कुछ कमरों का अवैध निर्माण किया है तो उसका असर उस होटल के मुख्य परिसर पर नहीं पढ़ना चाहिए, क्योंकि इससे होटल व्यवसाय को भारी नुकसान पहुंचता है।”
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा मार्ग खोजने में जुटी हुई है जिससे कि अदालत की गरिमा बनी रहे और प्रभावित होने वाले लोगों को भी राहत पहुंचे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद इसपर अमली जामा
बता दें कि इसी सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की पत्नी के होटल को भी एनजीटी ने नोटिस भेजा था। दिसंबर 2017 में एनजीटी के सामने खुद महेंद्र सिंह ठाकुर ने माना था कि होटल निर्माण के लिए नियमों को तोड़ा गया है और होटल का जितना अवैध हिस्सा है, उसे वह खुद हटा देंगे। एनजीटी ने इस मामले में एसडीएम मनाली को निगरानी रखने रखते हुए फाईनल रिपोर्ट सौंपने को कहा था। इसके बाद इस होटल के अवैध हिस्से को खुद तोड़ दिया गया था।