होशियार सिंह केस: पांचों आरोपियों को 3 दिन का पुलिस रिमांड, खुल सकते हैं कई राज

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मंडी।। जंगल में संदिग्ध हालात में मृत पाए गए वन रक्षक होशियार के मामले में जांच आगे बढ़कर वन विभाग के अधिकारियों तक पहुंच गई है। मामले में फंसा बीट ऑफिसर 24 घंटों तक पुलिस हिरासत में रहने के बाद सस्पेंड हो गया है। वन विभाग ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीएफओ और रेंज ऑफिसर समेत अन्य  स्टाफ जांच के घेरे में आ गया है। इस बीच रविवार को बीट ऑफिसर समेत पांचों आरोपियों को जेएमआईसी कोर्ट करसोग में पेश किया गया जहां से उन्हें 3 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। गौरतलब है कि होशियार सिंह की डायरी में लिखे गए नामों के आधार पर शनिवार देर शाम इन पांचों को पुलिस ने हिरासत में लिया था।

पुलिस रिमांड मिलने के बाद अब उम्मीद जगी है कि मामला खुल सकता है और इसमें शामिल अन्य चेहरे भी सामने आ सकते हैं। हिंदी अखबार अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने आरोपियों के कॉल डीटेल्स, बैंक स्टेटमेंट्स और संपत्ति की जांच शुरू कर दी है। होशियार की डायरी को भी पुलिस ने सील करके जांच के लिए फरेंसिक लैब में भेजा है। साथ ही पुलिस यह भी पता लगा रही है कि होशियार पर जहर छिड़का गया था या फिर उसे निगला था। बिसरा जांच के बाद इसका साफ पता चल पाएगा।

बताया जा रहा है कि यह भी जांच होगी कि बीओ ने वन रक्षक को कैसे प्रताडि़त किया और इस मामले में कौन-कौन लोग शामिल थे। यह भी देखा जा रहा है कि हिस्ट्रीशीटर भी इसमें शामिल तो नहीं हैं।  यह जांच भी की जा रही है कि अवैध कटान पर कोई डैमेज रिपोर्ट बनाई गई है या नहीं। इसके लिए सहायक अरण्यपाल लायकराम हरनोट की अगुवाई में संबंधित बीट में वन विभाग की टीम को भेजा गया है। विभाग का कहना है कि अगर इस बीट में कोई वन कटान पाया गया तो वन काटने वालों पर तुरंत कार्रवाई होगी। टीम से तीन दिन में रिपोर्ट तलब की है।

इस बीच अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने होशियार सिंह की हत्या को आत्महत्या का रंग देने का आरोप लगाया है। महासंघ ने सरकार से पुलिस और वन विभाग की कार्यशैली पर निशाना साधते हुए पारदर्शी जांच की मांग की है। ऐसा न करने पर सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है।