शिमला।। पिछले दिनों जयराम सरकार में राज्य के योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष पद और कैबिनेट रैंक हासिल करने वाले रमेश धवाला ने अपनी ही सरकार पर प्रश्न उठाए हैं। सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर उन्होंने शिक्षा विभाग के निदेशक की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाते हुे कहा है कि जिस शख्स को सरकार ने उच्चतर शिक्षा निदेशक के पद पर बैठाया है, उसने ज्वालामुखी कॉलेज में बतौर प्रिंसिपल रहते हुए पीटीए के पैसे को गलत ढंग से खर्च किया था।
क्या है धवाला का आरोप
धवाला ने कहा जवालामुखी कॉलेज में वर्ष 2015-16 के दौरान पीटीए के पैसे को गलत तरीके से खर्च किया गया है। निदेशक पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जब वह प्राचार्य थे तो उन्होंने अपनी मनमर्जी से पीटीए के तहत 33 शिक्षकों को तैनाती दी और उन्हें वेतन के नाम पर पीटीए के 25 लाख रुपये बांट दिए। जबिक इस कॉलेज में पहले से ही 35 नियमित शिक्षक तैनात थे।
धवाला ने तो यहां तक कह दिया कि नियमों को दरकिनार कर जवालामुखी कॉलेज में बिना साक्षात्कार के संजय कुमार को किसके इशारे पर सरकार ने नियुक्ति दी है और कैबिनेट तक को भी मामले को लेकर भ्रमित किया गया है।
विधानसभा में उठाएंगे मामला
धवाला ने कहा कि ज्वालामुखी डिग्री कॉलेज में 2010-11 के दौरान प्रवक्ता संजय कुमार की सेवाओं को सरकारी क्षेत्र में अनुचित तरीके से समायोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रवक्ता को नियमों के विपरीत अनुबंध आधार पर नियुक्ति दी गई। रमेश धवाला ने कहा कि मामले को लेकर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से भी शिकायत की गई है।
धवाला ने कहा कि अगर सरकार ने मामले को लेकर कोई फैसला नहीं लिया तो वह मामले को विधानसभा सत्र में भी उठाएंगे और विजिलेंस से शिकायत की जाएगी।