मंडी।। मंडी से कांग्रेस के प्रत्याशी आश्रय शर्मा के नामांकन के बाद जनसभा में अजीब दृश्य देखने को मिला। जब आश्रय के दादा पंडित सुखराम मंच से बोलने लगे तो अचानक वह भावुक हो गए और आश्रय भी रोने लग लग गए। दरअसल अनिल शर्मा के सभा में न आने पाने से वे दुखी थे।
बता दें कि अनिल शर्मा ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है मगर विधायक पद से नहीं। अगर वह कांग्रेस की इस रैली में आते तो पार्टी विरोधी घटनाओं के कारण उन्हें बीजेपी के टिकट से लड़कर हासिल की गई विधायकी छोड़नी पड़ती। वह एक ही स्थिति में इस रैली में शामिल होते, अगर उन्होंने मंत्री पद के साथ-साथ विधायक पद से भी इस्तीफा दिया होता।
हालांकि अब सोशल मीडिया पर चर्चा है कि कुछ दिन पहले जब अनिल शर्मा ने यह कहा था कि उनके लिए परिवार सर्वोपरि है और उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफ़ा मुंह पर मारा था तो आखिर विधायकी भी क्यों नहीं छोड़ दी? क्यों अपने बुजुर्ग पिता और बच्चे को आहत कर दिया।
मगर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर उसी समय वह विधायकी छोड़ देते तो लोकसभा चुनाव के साथ ही दोबारा मंडी पर विधानसभा उपचुनाव होता। उसमें अनिल को दोबारा लड़ना पड़ता और संभव होता कि उनकी हार हो जाती। ऐसे में अब उनकी योजना है कि अगर आश्रय लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाते हैं तो उसके बाद अनिल विधायक बने रहेंगे और अगले विधानसभा चुनाव तक अपने आश्रय के लिए जमीन तैयार करने का काम करेंगे।
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(वीडियो: स्टेट टाइम्स से साभार)