इन हिमाचल डेस्क।।
हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इंग्लिश अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जांच के दौरान सबूत मिले हैं कि वीरभद्र सिंह ने आय से अधिक संपत्ति इकट्ठा करने के मामले में अपना बचाव करने के लिए फर्जीवाड़ा किया है।
TOI के मुताबिक ED का मानना है कि ये सबूत काटे नहीं जा सकते। जांच के दौरान सामने आया है कि वीरभद्र सिंह ने डॉक्यूमेंट्स के साथ छेड़छाड़ की और पिछले डेट्स के स्टाम्प पेपर बनवाकर सेब के व्यापारियों से बैक डेट पर अग्रीमेंट बनाए। इससे इनकम में अचानक आए उछाल को जस्टिफाई करने की कोशिश की गई।
गौरतलब है कि इनकम टैक्स के छापे पड़ने के बाद सीएम ने 2008-09 से 2011-12 की ड्यूरेशन के लिए संशोधित रिटर्न फाइल किया था। छापों से पहले वीरभद्र ने 2011 में अपनी आमदनी 47.35 लाख बताई थी, मगर जांच शुरू होने के बाद उन्होंने यह 6.57 करोड़ बताई।
वीरभद्र आय से अधिक संपत्ति मामले में पहले से ही सीबीआई की जांच के दायरे में है। उन्हें मनी लॉन्डरिंग के अलावा कागजात से छेड़छाड़ के मामले में भी अरेस्ट किया जा सकता है।