इस बार जिला परिषद चुनाव में सबकी नजरें जोगिंदर नगर की तरफ लगी हुई थीं, जहां पर एक दिग्गज नेता का बेटा अपना राजनीतिक भविष्य आज़मा रहा था। बात हो रही है बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर के बेटे सुमेंदर ठाकुर की। सुमेंदर को जिला परिषद चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। जोगिंदर नगर में नेर-घरवासड़ा सीट पर बीजेपी समर्थित उम्मीदवार के तौर पर उतरे सुमेंदर ठाकुर को कांग्रेस समर्थित जीवन ठाकुर ने 98 वोटों से शिकस्त दी है।
गौरतलब है कि सुमेंदर ठाकुर व ठाकुर गुलाब सिंह ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी। बुजुर्ग हो चले गुलाब सिंह अपनी राजनीतिक विरासत अपने बेटे को सौंपना चाहते हैं, जिसके लिए यह एक तरह का टेस्ट था। मगर इस इम्तिहान में सोमेंदर फेल साबित हुए। इस बार जोगिंदर नगर में ज्यादातर पंचायतों में भी गुलाब सिंह समर्थित उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है। मगर किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि उनके बेटे को भी हार का मुंह देखना पड़ेगा।
वहीं काग्रेस के ब्लॉक प्रमुख के तौर पर जिम्मेदारी संभालने वाले जीवन ठाकुर ने जीत हासिल की है। बेशक लोगों के बीच उनकी पहचान और लोकप्रियता उतनी नहीं थी, मगर फिर भी उनका इतने बड़े मार्जन से जीतना दिखाता है कि लोगों ने सुमेंदर ठाकुर व गुलाब सिंह को खारिज किया है। सोमेंदर की हार में एक बड़ा फैक्टर राकेश जमवाल भी है। गुलाब सिंह के करीबी रहे राकेश खुद यह चुनाव लड़ना चाहते थे, मगर आखिरी वक्त में उन्हें पीछे हटना पड़ा था। उनकी नाराजगी भी सुमेंदर को भारी पड़ी।
राजनीति के जानकार इसे जोगिंदर नगर में मझारनू युग के अंत के तौर पर देख रहे हैं। गौरतलब है कि मझारूने ठाकुर गुलाब सिंह के गांव का नाम है। दिलचस्प बात यह है कि उनके भतीजे सुरेंदर ठाकुर कांग्रेस नेता हैं और एक बार उन्हें हरा चुके हैं। चर्चा है कि अब लोग इस परिवार के अलावा कोई और नेतृत्व चाहते हैं।