शिमला।।
चीन को 1,181 किलोमीटर लंबा गोर्मू-ल्हासा रेलमार्ग बिछाने में सिर्फ 4 साल का वक्त का लगा, मगर चीन से लगते हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में 150 किलोमीटर लंबी बिजली की तारें लगाने में ही 17 साल से ज्यादा का वक्त लग गया है। अफसोस, काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है।
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सर्दियों में जनजातीय इलाकों में बिजली की सप्लाई बरकरार रहे, इसलिए लिए साल 1997 में राज्य सरकार ने 66 किलोवाट का प्रॉजेक्ट लगाने का फैसला किया। इरादा था कि किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के दूर-दराज के इलाकों में बिजली पहुंचाई जाए। मगर अफसोस! अभी तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है।
ये सर्दियां भी अंधेरे में कटेंगी |
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हाई लेवल इन्क्वायरी के आदेश दिए हैं। बिजली विभाग का कहना है कि अगले साल मई तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। मगर लोगों की परेशानी का अंदाजा लगाइए, जिन्हें ये सर्दियां भी बिना बिजली के गुजारनी पड़ रही हैं। वहीं मैदानी इलाकों और राजधानी में बड़े कार्यालयों में बैठने वाले आला अफसर और नेता सरकारी बिजली पर हीटर सेंक रहे हैं।