सभी पाठकों को नमस्कार। हमें खुशी है कि पिछले साल शुरू की गई भुतहा कहानियों और आपबीती घटनाओं की सीरीज ‘हॉरर एनकाउंटर’ आपको पसंद आई। इस सीरीज में हमने पाठकों द्वारा भेजी गई कहानियों को छापा। हमारी कोशिश रहती है कि पाठकों को अच्छी क्वॉलिटी की चीजें पेश करें। ऐसे में हमारे पास बहुत से लोगों ने कहानियां भेजीं। कुछ का दावा था कि यह उनके साथ घटी घटना है। हमने इन सैकड़ों कहानियों में से कुछ एक ही आपके सामने रखीं। कुछ ऐसी कहानियां, जिनमें कहीं न कहीं डर का अंश मौजूद था। हम दावे से नहीं कह सकते कि उन घटनाओं मे कितनी सच्चाई है, मगर कहानियों का चुनाव करते वक्त हमने इस बात का ख्याल रखा कि वे डराने वाली हों।
इन कहानियों को छापने का मकसद यह दावा करना नहीं है कि भूत-प्रेत वाकई होते हैं। हम अंधविश्वास फैलाने में यकीन नहीं रखते। हमें खुशी होती है जब हॉरर कहानियों के पीछे की संभावित वैज्ञानिक वजहों पर आप पाठक चर्चा करते हैं। वैसे हॉरर कहानियां साहित्य में अलग स्थान रखती हैं। इसलिए इन्हें मनोरंजन के लिए तौर पर ही पढ़ें। तो कुछ महीनों के गैप के बाद हम फिर शुरू कर रहे हैं हॉरर कहानियों का सिलसिला। पहली कहानी शुक्रवार यानी 24 फरवरी को शाम को 8 बजे पब्लिश की जाएगी।
इस बीच आप पहले ही सबसे चर्चित हॉरर कहानियां पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं:
कभी नहीं भूल पाऊंगा बैजनाथ-पपरोला ब्रिज पर हुआ वह अनुभव
टेंट के बाहर कोई महिला रोने लगी और अंदर मेरी गर्लफ्रेंड