वीरभद्र के करीबी मंत्री सुधीर शर्मा और जी.एस. बाली में बहस

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शिमला।।
हिमाचल के मुख्यमंत्री पर ऊपर और नीचे के हिमाचल (अपर ऐंड लोअर) से भेदभाव के आरोप हमेशा से लगते रहे हैं। देखा जाए तो इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से इन आरोपों में दम भी नजर आने लगा है। संकेत मिल रहे हैं कि प्रदेश में अपर और लोअर हिमाचल की राजनीति एक बार  फिर शुरू हो गई है।‘इन हिमाचल’ को फेसबुक पर लाइक करेंआम चुनाव के नतीजे आने के बाद से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपने कुछ खास सिपहसलारों की मंडली तक सीमित रग गए हैं। वह अपनी ही सरकार के मंत्रियों और कुछ विधयकों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। खास तौर पर निचले  हिमाचल के नेताओं पर मुख्यमंत्री की टेढ़ी नजर है। अपनी ही सरकार में अनदेखी से नाराज  सीपीएस  राजेश धर्माणी  2 बार इस्तीफा दे चुके हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के तेज़-तर्रार नेता  जी.एस.बाली ने एक बार फिर मुख्यमंत्री  के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

सीएम के सामने बाली और शर्मा में तीखी बहस हुई- सूत्र।

2-3 दिन पहले मुख्यमंत्री के सामने ही शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा और बाली के बीच तीखी बहस हुई। इसके तुरंत बाद बाली सीएम के कैबिन से कुछ बड़बड़ाते हुए बाहर निकले। इसके तुरंत बाद उन्होंने  गाड़ियां भी वापिस कर दी हैं और सीएम से 3 महीने की छुट्टी मांगी है।  खबर है कि बाली किसी प्रॉजेक्ट पर काम करना चाहते हैं, लेकिन उसके लिए सुधीर शर्मा के मंत्रालय से अनुमति जरूरी है। उस प्रॉजेक्ट की फाइल सुधीर शर्मा के मंत्रालय में ही लटकी हुई है। गौरतलब है कि सुधीर शर्मा को इस वक्त मुख्यमंत्री का सबसे करीबी समझा जाता है। माना जा रहा है कि सीएम की शह पर ही शर्मा ने वह फाइल लटकाई थी।

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निचले हिमाचल के सारे विकास कार्य ठप पड़े हैं। कई योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन मुख्यमंत्री का रास्ता देख  हैं, लेकिन वब 16 मई के बाद से आज तक लोअर हिमाचल में किसी कार्यक्रम में नहीं दिखे हैं। इससे ज़ाहिर होता है कि अपने परिवार को मजबूत करने के लिए ही वीरभद्र सिंह अपने परम्परागत गढ़ ‘ऊपरी हिमाचल’ में ज्यादा सक्रिय हो गए हैं।  इस कारण से ‘लोअर हिमाचल’ को नुकसान झेलना पड़ रहा है, जो कहीं से भी प्रदेश के हित में नहीं है।

जनता के बीच राजेश धर्माणी और जी.एस. बाली तेज़-तर्रार नेता की छवि रखते हैं  और समय-समय विधानसभा  में  जनहित की आवाज मुखर करते रहे हैं। बाली तो भविष्य के मुख्यमंत्री भी बताए जा रहे हैं। हिमाचल की राजनीति की समझ रखने वाले कुछ जानकार बताते हैं कि अभी कांग्रेस के मंत्रिमंडल में सिर्फ बाली इकलौते ऐसे मंत्री हैं जो कुछ न कुछ हटकर कदम उठाते रहे हैं। बाकी मंत्री सिर्फ सीएम की रबर स्टांप हैं या पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं।