शिमला।।
देश की राजनीति में पैदा हुए उथल-पुथल के हालात में हिमाचल प्रदेश भी अछूता नहीं हैं। पहली बार ऐसा हुआ है की जनता और नेता दोनों वर्षों बाद होने वाले चुनाव की बाट अभी से जोह रहे हैं। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में वीरभद्र सिंह की विदाई का समय लगभग इस सरकार के जाते ही आने वाला है। वीरभद्र सिंह चाहते हैं उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह अभी केंद्रीय राजनीति का ही रुख रखें और अगले चुनाव में वो अपने बेटे को शिमला ग्रामीण से अपनी विरासत सौंपे। विक्रमादित्य सिंह ही हाल फिलहाल मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र देख रहे हैं।
कहीं ना कहीं बीजेपी भी यह जान चुकी है की अगले चुनाव में वीरभद्र अपने बेटे का राज्याभिषेक शिमला ग्रामीण से करवाने वाले हैं। इसलिए बीजेपी वहां शुरू से ही पकड़ मजबूत करना चाहती है ताकि ‘राजकुमार’ की सियासी पारी का अंत शुरू में ही हो जाए। इसीलिए बीजेपी अपना हर छोटा-बड़ा कार्यक्रम शिमला ग्रामीण से ही हैंडल कर रही है। अभी बीजेपी को ऐसा कोई नेतृत्व नहीं दिख रहा जो राजपरिवार का मुक़ाबला कर सके। इसलिए ‘टीका’ से लड़ाने के लिए भी बीजेपी ने एक युवा कार्यकर्ता तैयार कर लिया है, जिसे अभी संग़ठन के गुर सिखाए जा रहे हैं।
जानकार सूत्रों की माने तो यह योद्धा जब मैदान में आएगा तो इसकी तर्क शक्ति और राजनीति पर चाणक्य पकड़ के कारण कांग्रेस अवाक रह जाएगी। तेज़-तर्रार तेवरों वाला यह युवा अपनी प्रतिभा का पूर्ण प्रयोग करे और विक्रमादित्य सिंह पर भारी पड़े, इसके लिए केंद्रीय आलाकमान ख़ास तैयारी कर रहा है हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश के कुछ युवा विधायकों और नेताओं की एक मीटिंग इस युवा से हो चुकी है। 2016 के मध्य तक पार्टी अपने इस योद्धा को मैदान में उतार कर जनता से रूबरू करा देगी। देखना दिलचस्प होगा कि दबी जुबान में बीजेपी नेता जिसका जिक्र कर रहे हैं, वह कौन होगा।