शिक्षा का बंटाधार: 15 हजार शिक्षक पंचायत चुनाव ड्यूटी पर !

शिक्षा का बंटाधार:  15 हजार शिक्षक  पंचायत चुनाव ड्यूटी पर !
 
दैनिक पत्र अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार पंद्रह सितंबर से प्रदेश के कई स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी हो जाएगी। करीब 15 हजार शिक्षकों की परिवार रजिस्टर पंजीकरण और चुनावी जनगणना में ड्यूटी लगी है। आठ हजार शिक्षक बीते सप्ताह पंजीकरण के लिए रिलीव हो चुके हैं। शेष सात हजार शिक्षक 15 सितंबर तक चुनाव ड्यूटी के लिए रिलीव होंगे। एक माह तक इनकी ड्यूटियां लगाई गई है। बीते एक सप्ताह से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होने को लेकर हो हल्ला मचा है, लेकिन सरकार इस मामले पर खामोश है। चुनाव आयोग के समक्ष सही तरीके से शिक्षा विभाग अपना पक्ष नहीं रख पा रहा है।


हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूल का सांकेतिक चित्र


शिक्षा में गुणवत्ता लाने के सरकार कई दावे करती है, केंद्र सरकार तो नई शिक्षा नीति बनाने में भी जुट गई है। बेहतर परीक्षा परिणाम नहीं देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने की बातें भी होती हैं, लेकिन शैक्षणिक गतिविधियों की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों से गैर शिक्षक कार्य न करवाने की मांग बीते लंबे समय से उठती आ रही है। शिक्षक संगठनों ने सरकार के उच्च अधिकारियों तक इस मांग को लेकर ज्ञापन सौंपे हैं, लेकिन इसका नतीजा अभी तक सिफर ही है। सात सितंबर से कई शिक्षकों की परिवार रजिस्टर पंजीकरण कार्यक्रम में ड्यूटी लगी है। सात सितंबर से 10 अक्तूबर तक यह कार्यक्रम चलेगा। 15 सितंबर से 14 अक्तूबर तक इलेक्ट्रोल रोल रिवीजन में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि गैर शैक्षणिक कार्यों से पढ़ाई प्रभावित होगी। उधर, अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा पीसी धीमान ने कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष इस मामले को उठाया जाएगा। आयोग से शिक्षकों की जगह पहले अन्य विभागों के कर्मचारियों को ड्यूटी लगाने के लिए कहा जाएगा।
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