नाहन में बस खाई में गिरी, 13 लोगों की मौत

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नाहन।।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में एक सड़क हादसे में 13 टूरिस्ट्स की मौत हो गई है। इन टूरिस्ट्स को ले जा रही एक बस गहरी खाई में गिर गई, जिस वजह से यह हादसा पेश आया। इस हादसे में 13 की मौत हो गई है, जबकि 40 लोग जख्मी हैं।नाहन की एसडीएम ज्योति राणा ने बताया, ‘बस पर यूपी के सहारनपुर के 56 यात्री सवार थे। रेणुका से वापस यूपी लौटते वक्त बस मोडराघाट के पास 250 फीट गहरी खाई में गिर गई।‘ उन्होंने बताया कि 40 यात्रियों का नाहन में इलाज चल रहा है, जबकि गंभीर रूप से जख्मी 3 लोगों को चंडीगढ़ पीजीआई शिफ्ट कर दिया गया है।

स्थानीय लोगों ने हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य में मदद की। उन्होंने जख्मी लोगों को कबाड़ बन चुकी बस से निकालने में मदद की। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने प्रशासन और ऐंबुलेंस को बुलाया था, मगर वे टाइम पर नहीं पहुंचे। अगर वे वक्त पर पहुंचे होते तो कुछ और जानें बचाई जा सकती थीं।
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले उत्तराखंड में भी एक बस के खाई में गिर जाने से दर्जन भर रूसी पर्यटकों की मौत हो गई थी। यह पहाड़ी राज्यों में हुई कोई नई घटना नहीं है। आए दिन पहाड़ी राज्यों में इस तरह के हादसों में कई लोग जान गंवा देते हैं।

इस बार लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने वादा किया था वह पहाड़ी क्षेत्रों में रेल नेटवर्क का विस्तार करेंगे। हिमाचल के सुजानपुर में संबोधित की गई रैली में मोदी ने कहा था, ‘अक्सर सुनने को आता है कि बस या ट्रक के खाई में गिरने से लोगों की मौत हो गई। मित्रो! यह समस्या तभी हल होगी, जब रेल का जाल बिछेगा।’

चूंकि अब वह पीएम बन चुके हैं, ऐसे में उनसे उम्मीद की जा रही है कि वह इस दिशा में कदम भी उठाएंगे। राष्ट्रपति के अभिभाषण में भले ही इस मुद्दे का जिक्र हुआ हो, लेकिन अभी तक कोई प्रगति होती नहीं दिख रही है। हिमाचल की जनता इंतजार कर रही है कि न सिर्फ बड़े शहरों को मुख्य लाइन से जोड़ा जाएगा, बल्कि आंतरिक जाल भी बिछाया जाएगा।

सुजानपुर में मोदी ने कहा था कि हिमाचल में सड़क हादसों को टालने के लिए ट्रेन होना जरूरी है।

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में टूरिस्ट्स के साथ हो रहे हादसों पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की मांग भी उठ रही है। एक ऐसी पॉलिसी बनाने की मांग की जा रही है जिससे यह देखा जाए कि हिमाचल में आ रहे टूरिस्ट्स के पास पहाड़ी इलाकों में गाड़ी चलाने का अनुभव है या नहीं।

इस सब के साथ ही टूरिस्ट्स को खास बुकलेट्स और गाइड मुहैया कराने की मांग भी उठ रही है, जो हिमाचल के माहौल, मौसम और दूसरी चीज़ों के बारे में एजुकेट करे। ऐसा इसलिए किया जाना जरूरी है ताकि कोई भी टूरिस्ट कौतूहलवश नदी के बीच न जाए या अकेले अडवेंचर स्पोर्ट्स न करे।