जानिए, कौन हैं जे.पी. नड्डा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माहिर रणनीतिकार और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के विश्वासपात्र जगत प्रकाश नड्डा को कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी मिली है। उन्हें सरकार में जगह मिलना दिखाता है कि उनकी संगठन क्षमता और पर्दे के पीछे रहकर काम करने की खूबी को पुरस्कृत किया गया है।
अपने कॉलेज के दिनों में प्रभावी छात्र नेता रहे 53 साल के नड्डा बेहद मृदुभाषी हैं। मुश्किल से मुश्किल कामों को आसानी से सुलझाने में माहिर नड्डा बीजेपी के अध्यक्ष पद की रेस में भी थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना समर्थन अमित शाह को दे दिया था।

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नड्डा आज मोदी और शाह के साथ बीजेपी की सबसे शक्तिशाली तिकड़ी का हिस्सा हैं। वह पार्टी के हर बड़े फैसले में शामिल रहते हैं, साथ ही पार्टी और सरकार के बीच में कड़ी की भूमिका भी निभाते हैं।  उन्हें आरएसएस से भी समर्थन मिलता है और बीजेपी से सभी बड़े नेताओं से उनके अच्छे रिश्ते हैं।
उन्हें हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के अगेल सीएम कैंडिडेट के तौर पर देखा जा रहा है।
2 दिसंबर, 1960 को बिहार के पटना में उनका जन्म हुआ था। उनके पिता पटना यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर थे। नड्डा जेपी आंदोलन से प्रभावित होकर छात्र राजनीति में आए थे।  उन्होंने हिमाचल प्रदेश आने से पहले अपनी जवानी के दिन बिहार में भी बिताए थे।
नड्डा कॉलेज के दौर में छात्र राजनीति से जुड़े और एबीवीपी के सक्रिय मेंबर बनए। वह साल 1977 में पटना यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के सचिव चुने गए। 1977 से लेकर 1990 तक वह एबीवीपी में करीब 13 सालों तक विभिन्न पदों पर रहे। 31 साल की उम्र में नड्डा साल 1991 में बीजेपी के युवा मोर्चा के नैशनल प्रेजिडेंट बन गए।

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राज्यसभा के लिए चुने जाने से पहले वह हिमाचल प्रदेश में विधायक थे। नड्डा 1993 से 1998, 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक बिलासपुर सदर से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। साल 1998 से 2003 तक वह राज्य से स्वास्थ्य मंत्री रहे और 2008 से 2010 तक वन एवं पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री रहे। अप्रैल 2012 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया और कई सारे संसदीय कमिटियों में जगह दी गई।
मई 2010 से नड्डा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। पिछले सालों में हिमाचल प्रदेश में वह बेहद कद्दावर नेता बनकर उभरे। कम उम्र में ही बीजेपी के साथ उनका जुड़ाव रहा। जमीनी स्तर से उठकर उन्होंने यहां तक का सफर किया है, जिससे उनका व्यक्तित्व कुछ ऐसा बन गया है कि वह हर राजनीतिक समस्या को बेहद शांति से सुलझा सकते हैं।

(टीम इन हिमाचल)