हिमाचल सरकार ने आर्मी माउंटेन डिवीज़न के लिए नहीं दी जमीन : उत्तराखंड को मिला प्रोजेक्ट

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हिमाचल सरकार ने आर्मी  माउंटेन डिवीज़न के लिए नहीं दी जमीन : उत्तराखंड को मिला  प्रोजेक्ट 

शिमला 
 
हिमाचल प्रदेश को सेना व वायु सेना के लिए गठित की जाने वाली माउंटेन डिवीजन के लिए जमीन ही नहीं मिल पाई और उत्तराखंड ने इस बड़े प्रोजक्ट को हाथोंहाथ झटक लिया है। दैनिक समाचार पत्र दिव्या हिमाचल में छपी खबर के अनुसार  के मुताबिक वर्ष 2013 में रक्षा मंत्रालय की तरफ से हिमाचल, उत्तराखंड व पश्चिम बंगाल को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें माउंटेन डिवीजन स्थापित करने के लिए उपयुक्त जमीन चाहिए थी। प्रदेश सरकार ने उस दौरान सोलन व कांगड़ा के उपायुक्तों को उपयुक्त जमीन तलाशने के लिए लिखित निर्देश दिए थे। सूत्रों का दावा है कि इन जिलों से समय पर कोई जवाब ही नहीं आया, लिहाजा हजारों करोड़ के पूंजी निवेश पर आधारित व सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माउंटेन डिवीजन से हिमाचल महरूम रह गया।
इससे पहले भी कांगड़ा व ऊना में सेना के कुछ बड़े प्रोजेक्ट जमीन के अभाव में लटकते रहे हैं। जानकारों के मुताबिक चीन व पाकिस्तान की तरफ से लगातार बढ़ती चुनौतियों के दृष्टिगत रक्षा मंत्रालय ने चीन बार्डर के नजदीकी राज्यों में यह डिवीजन स्थापित करनी थी, जिसके लिए अब उत्तराखंड का चयन हुआ है। हालांकि रक्षा मंत्रालय व सेना की ही डिमांड पर प्रदेश के सीमांत इलाकों में सड़कों का नेटवर्क मजबूत किया जा रहा है। सेना की ही मांग के अनुरूप उपयुक्त स्थलों पर हेलिपैड भी स्थापित किए जा रहे हैं, लेकिन जानकार मानते हैं कि यदि माउंटेन डिवीजन प्रदेश में स्थापित हो जाती तो हिमाचल के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती थी