‘वीरभद्र के खिलाफ पैसों की हेरा-फेरी का आरोप बनता है’

नई दिल्ली
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा है कि वीरभद्र के खिलाफ पहली नजर में पैसों की हेरा-फेरी का केस बनता है। हाई कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को वीरभद्र सिंह के टैक्स असेसमेंट रेकॉर्ड और दूसरे डॉक्युमेंट्स को पेश करने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने 4 अप्रैल को सीबीआई को वीरभद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों की शुरुआती जांच जल्द पूरा करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने मामले की जांच में देरी पर चिंता जताई थी और कहा था कि सीबीआई इतना समय नहीं ले सकती। इस पर सीबीआई ने वेंचर एनर्जी ऐंड टेक्नॉलजी प्राइवेट लिमिटेड को 14 जून, 2002 को साई कोटि पनबिजली परियोजना का काम देने में वीरभद्र पर लगे आरोपों की जांच के लिए हाई कोर्ट से विशेष आदेश जारी करने की गुजारिश की थी।

 

मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा, ‘हम इस मामले में सीबीआई द्वारा पेश स्टेटस रिपोर्ट पर आगे बढ़ना चाहते हैं।’ केंद्र सरकार की तरफ से अडिशनल सलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि वीरभद्र सिंह के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग का मामला बनता है।

सीबीआई ने पहले हाई कोर्ट से कहा था कि वह कांग्रेस नेता के खिलाफ वर्ष 2002 में उनके हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान लगे भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच कर सकती है बशर्ते की अदालत आवश्यक आदेश जारी करे। जांच एजेंसी ने अदालत में हलफनामा पेश किया था।

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