बिलासपुर टनल हादसा: अंदर ज़िंदा हैं दो मजदूर, माइक्रोफोन से हुई बात

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बिलासपुर।।

‎96 घंटे से घुप अंधेरी टनल में फंसे तीन में से दो मजदूर जिंदा हैं। पांच दिनों तक कड़ी मशक्कत करने के बाद बचाव टीमों ने बुधवार देर शाम 8.40 मिनट पर उनसे संपर्क स्थापित करने में कामयाबी हासिल की। वनवे माइक्रोफोन के जरिए  दोनों से बात की गई। प्रशासन का दावा है कि टनल में फंसे सतीश कुमार और मणिराम सकुशल हैं। बातचीत के बाद उन्हें पाइप के माध्यम से पानी, खाना एवं दवा भेजी गई है। टनल में फंसे तीसरे मजदूर हिरदा राम का अभी पता नहीं चल  पाया है। उसको भी तलाशने की कोशिश की जा रही है। डीसी बिलासपुर मानसी सहाय का कहना है कि दो मजदूर टनल के अंदर ठीक हैं। माइक्रोफोन के जरिए उनसे बातचीत के साथ ही उन्हें सीसीटीवी में भी देखा गया है। फोन पर सतीश कुमार और मणिराम ने कहा है कि वो ठीक हैं और जल्दी खाना भेज दो। उपायुक्त ने कहा कि अब टनल के ऊपर से बड़ा होल करके फंसे मजदूरों को निकालने का प्रयास किया जाएगा। टनल के अंदर से मलबे के बीच लोहे की
पाइप डालकर उनका रेस्क्यू किया जा रहा है। बचाव कार्य को और तेज कर दिया गया है। प्रशासन एनडीआरएफ और सेना से लगातार संपर्क कर रहा है। उधर, जैसे ही पांच दिनों से टनल में फंसे मजदूरों के जिंदा होने की खबर आई, परिजनों के साथ साथ पूरे इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई। गौरतलब है कि बीते शनिवार को कीरतपुर-नेरचौक हाईवे की निर्माणाधीन टनल धंसने से इसमें तीन फंस गए थे।
हिमाचल हाईकोर्ट ने बुधवार को बिलासपुर टनल हादसे पर संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार के अलावा हाईवे का निर्माण कर रही कंपनी से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने मजदूरों को निकालने के लिए अब तक किए प्रयासों की शुक्रवार ढाई बजे तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर और न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने प्रशासन की कार्यशैली पर नाखुशी जताते हुए उपायुक्त बिलासपुर से भी जवाब मांगा है।