इन हिमाचल डेस्क।। मतदान होने के बाद जब तक रिजल्ट नहीं निकल जाता, तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कोई एक पार्टी को जिता रहा है तो कोई दूसरी को। इस बीच एक मजेदार सवाल यह निकलकर सामने आ रहा है कि उस स्थिति में क्या होगा, अगर बीजेपी और कांग्रेस बराबर सीटें जीतती हैं। यानी 68 में से 34 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिलती है और 34 पर बीजेपी को, तो क्या होगा, सरकार किसकी बनेगी।
इस सवाल को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि इस तरह के हालात पैदा होने की संभावना लगभग शून्य है मगर फिर भी लोकतंत्र में कुछ भी हो सकता है। हिमाचल में सरकार बनाने के लिए आपके पास 35 विधायक होने चाहिए।
होता यह है कि नतीजे आने के बाद यह देखा जाता है कि कौन सी पार्टी या गठबंधन सबसे ज्यादा सीटें लाया है। उसी के आधार पर ज्यादा सदस्यों वाली पार्टी या गठबंधन को राज्यपाल सरकार बनाने का निमंत्रण देते हैं। इसके बाद असेंबली में उस पार्टी या सरकार बनाने वाले को बहुमत साबित करना होता है।
‘हंग असेंबली’ उस स्थिति को कहते हैं जब किसी भी पार्टी या गठबंधन के पास बहुमत लायक सीटें न हों। ऐसे ही हालात पिछली बार दिल्ली में हुए थे। ऐसी स्थिति में राज्यपाल किसी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं। अगर आमंत्रित किया गया दल/गठबंधन असेंबली में बहुमत साबित करने में कामयाब रहता है, तब तो ठीक, वरना फिर से चुनाव करवाए जाने की तैयारी शुरू हो जाती है। तब तक तुरंत ही राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता है (जम्मू कश्मीर में गवर्नर रूल)।

ऐसा ही दिल्ली में हुआ था जब कोई भी पार्टी बहुमत लायक सीटें नहीं ला पाई थी और बाद में कांग्रेस ने भी आम आदमी पार्टी से समर्थन वापस ले लिया था। ऐसे में फिर से चुनाव करवाए गए। इसलिए निश्चिंत रहें, ऐसा नहीं होगा कि बराबर सीटें आने पर दोनों पार्टियों को ढाई-ढाई साल तक सरकार चलाने का मौका मिलेगा। न ही ऐसा होगा कि टॉस से फैसला होगा कि पहले ढाई साल कौन सरकार चलाएगा।