Site icon In Himachal | इन हिमाचल |

हिमाचलियो! जब कोई चेला आपकी मां को डायन कहेगा, तभी जागोगे क्या?

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल वासियो! कल को गांव का कोई पाखंडी चेला या चेली आपकी मां को भी जादू-टोना करने वाली डायन कह सकता है। तब आप क्या करेंगे?

ये जो आपके इर्द-गिर्द धड़ल्ले से देवियों और देवताओं के चेले पैदा हो रहे हैं, सब मानसिक रोगी हैं। इनके परिवार ही हिस्ट्री देखिए। अनपढ़, गरीब या तनाव भरे माहौल वाले परिवारों की ही कोई महिला या पुरुष क्यों चेले बनते हैं?

दरअसल ये साइकोसिस के मरीज हैं जिन्हें लगने लगता है कि देवता की कृपा हो गई है इनपर। ऐसे ही कुछ लोगों को लगता है उनपर भूत आ गया है। और हमारी परंपराएं ऐसी रही हैं कि हम कियी सायकायट्रिस्ट को दिखाने के बजाय चेलों के पास जाने लगते है।

हास्यास्पद बात है कि देवता की कृपा होने के वहम वाला मरीज भूत के वहम वाले मरीज का इलाज कर रहा होता है। जबकि दोनों को बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर या सिजोफ्रेनिया के लिए अच्छे मनोचिकित्सक को दिखाया जाना चाहिए। (खेल आना या माता आना क्या है, जानने के लिए यहां क्लिकजानने के लिए यहां क्लिक करें)

ये गांव गांव में मंदिर बनाकर बैठे चेले पारंपरिक शैली के द्यो (देव पालकी) भी बना लेते हैं और उनके मंदिर में हिस्टीरिया की गिरफ्त में आए लोगों को देख और भी लोग इनसे जुड़ते हैं। ये पाखंडी आपके चढ़ावे के लालची होते हैं। आपकी समस्या के लिए आपके किसी रिश्तेदार पर जादू का आरोप लगाते हैं और भी किसी मनमुटाव के कारण सच मान बैठते हैं।

मगर ओ प्यारे हिमाचलियो! इन डफंतरियों को भाव मत दो। इनका इलाज करवाओ वरना किसी दिन आपकी मां पर या बहन पर या आपपर ही जादू का आरोप लगा देंगे। और हिस्टीरिया की गिरफ्त में आए मूर्ख लोग वैसा ही व्यवहार करेंगे, जैसा मंडी के सरकाघाट में बुजुर्ग महिला से किया। ओ पढ़े-लिखे नौजवानो! जिसे भूत, ओपरी कसर, खेल कहते हैं वे सब मानसिक समस्याएं हैं। इनके लिए अस्पताल जाओ, तांत्रिकों के पास नहीं।

हैरानी की बात है कि कुछ लोग इसलिए साइकायट्रिस्ट के पास नहीं जाते कि लोग कहेंगे ‘पागलों वाले डॉक्टर’ के पास गया। अरे तो जब आप चेलों के पास जाकर भूत प्रेत, जादू टोने का इलाज करने की मूर्खता करते हैं, तब कौन सा आपकी तारीफ हो रही होती है।

गांव में नए खुले ऐसे फर्जी मंदिरों का बायकॉट कीजिए। सरकार कुछ नहीं करेगी। वो तो मानसिक स्वास्थ्य की चिंता ही नहीं करती। उल्टा इन नए और फर्जी देउ पालकियों को मेलों में आने पर नजराना देती है। आप खुद इन बीमारों को रोकिए वरना ये हमारे हिमाचल का भट्ठा बिठा देंगे।

मंडी: देवता के नाम पर बुजुर्ग महिला को ‘डायन’ बताकर पीटा

Exit mobile version