बीजेपी सरकार ने एक महीने में किया बद्दी के एसपी गौरव का तबादला

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शिमला।। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नालागढ़ दौरे के कुछ ही घंटों के बाद एसपी बद्दी और सोलन के डीसी का तबादला हो गया है। हिमाचल प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद जब पहली बार पुलिस अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादले हुए थे, तब एक खबर सुर्खियों में छाई थी कि आईपीएस गौरव सिंह को बद्दी का एसपी बनकर लौटाया गया है। लगभग सभी अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता दी थी, क्योंकि इससे पहले की कांग्रेस सरकार ने उस समय एएसपी रहे गौरव सिंह का बद्दी से तबादला कर दिया था। यह तबादला इसलिए सुर्खियों में रहा था क्योंकि इससे कुछ ही दिन पहले कांग्रेस के विधायक की पत्नी के टिप्पर का चालान किया गया था। माफिया की नाक में दम कर देने वाले अधिकारी गौरव सिंह के तबादले ने उस समय खूब चर्चा बटोरी थी।

जिस समय बीजेपी सत्ता में आई, उस समय गौरव सिंह लाहौल-स्पीति के एसपी थे और वहां भी उन्होंने अपना काम से नाम बटोरा था। बीजेपी ने जब उन्हें एसपी बद्दी बनाया तो इसे बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर इस तरह से दिखाया कि बीजेपी सरकार ईमानदार अधिकारियों को मौका देती है और उन्हें वापस बद्दी ले आया गया है, जहां से कांग्रेस ने उन्हें हटाया था। मगर लगभग एक महीने के बाद ही उन्हें एसपी बद्दी से हटाकर 5th IRB (महिला) बस्सी में कमांडेंट के तौर पर ट्रांसफर कर दिया गया है।

आगरा में जन्मे गौरव जब पिछली बार बद्दी में तैनात थे, उन्होंने सात महीनों में अवैध खनन के 177 मामले पकड़े थे और लगभग 26 लाख रुपये का जुर्माना वसूला था। इसी तरह से उन्होंने शराब के अवैध कारोबार के 75 और ड्रग्स के 13 मामले पकड़े थे। उन्होंने अन्य मामलों को सुलझाने में भी कामयाबी पाई थी।

क्या बताई जा रही है वजह?
दरअसल बद्दी के एसपी गौरव सिंह के साथ-साथ सोलन के डीसी का भी तबादला कर दिया गया है और वजह बताई जा रही है कि संभवत: सीएम के कार्यक्रम के दौरान व्यवस्था सुचारू न होने के कारण यह कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री गुरुवार को नालागढ़ में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आए थे। नए हेलीपैड पर हेलिकॉप्टर की लैंडिंग के दौरान भीड़ में हलचल हो गई थी। बाद में एक जनसभा में बाबा घुस आया जो शंखनाद करने लगा था।

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एक महीने में एसपी गौरव की कार्रवाइयां
बद्दी में बतौर एएसपी गौरव सिंह ने नशा और खनन माफिया की नाक में दम कर दिया था। इस बार उनका कार्यकाल कुछ ही दिन का रहा, मगर इसमें भी वह अपने काम का असर दिखाने में कामयाब रहे। लोगों में चर्चा ये भी है कि कहीं उनकी सख्ती के कारण ही उन्हें निशाना तो नहीं बनाया गया है। बहरहाल, उनके एक महीने के नेतृत्व में बद्दी पुलिस के कुछ मुख्य कामों पर नजर डालें-

–  दो उद्योगों पर वीज़ा नियमों के उल्लंघन का केस
विदेशियों को टूरिस्ट वीजा पर बुलाकर उद्योगों में काम करवाने के मामले में सोलन जिले के बद्दी स्थित दो उद्योगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

– 2.50 करोड़ उधारी शराब मामले में गिरफ्तारी
बहुचर्चित ढाई करोड़ की उधारी शराब मामले में पुलिस की ट्रेनिंग कर रहे नालागढ़ निवासी एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चंडीगढ़ के एक संस्थान के तीन लोग पहले ही इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसी ग्रुप का यह सदस्य आजकल पुलिस ट्रेनिंग कर रहा है। एक्स सर्विसमैन कोटे से इसे पुलिस की नौकरी मिली है तथा तीसरी आईआरबीएन पंडोह मंडी में ट्रेनिंग कर रहा है। उधारी शराब मामले में पुलिस अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

– खनन माफिया की जेब पर चोट
फरवरी के पहले पखवाड़े में पुलिस ने थाना रामशहर, नालागढ़ व बद्दी में अवैध खनन के खिलाफ मुहिम जारी रखते हुए चार चालान कर 75 हजार रूपये का जुर्माना लगाया।

– बद्दी के वर्धमान में 1.6 किलो गांजा पकड़ा
पुलिस की एसआईयू टीम ने एचसी पवन व सीटी सुरेश की अगुआई में बद्दी के वर्धमान स्थित झुगी झोपड़ी 1 किलो 669 ग्राम गांजा पकड़ा।

– कार-ट्रक में नशे की तस्करी का पर्दाफाश
एसपी बद्दी गौरव सिंह की टीम द्वारा चलाए अभियान के तहत हेरोइन व भुक्की के 2 और नए मामलों का पर्दाफाश किया गया। पुलिस ने एन.डी.पी.एस. के तहत मामले दर्ज कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

– वन्य प्राणी के अंगों और खालों की तस्करी का पर्दाफाश
जिला पुलिस बद्दी ने वन्य प्राणियों की खाल और उनके अंगों को बेचने के गोरखधंधे में संलिप्त दो सगे भाईयों को गिरफ्तार किया

सख्त मिज़ाज़ अधिकारी
गौरव सिंह कांगड़ा और बद्दी के अलावा शिमला में भी एएसपी के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। अभी वह हिमाचल में सबसे कम उम्र के एसपी बने थे और बद्दी से पहले लाहौल-स्पीति की जिम्मेदारी उनके ऊपर थी। वह सख्त कार्रवाई करने के लिए जाने जाते हैं और पुलिस व होमगार्ड के 26 जवानों पर कार्रवाई कर चुके हैं। इन्होंने सेना के अफसर से रिश्वत लेने पर लाहौल-स्पीति में 18 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। नई सरकार बनने के बाद बद्दी की जनता और जनप्रतिनिधि इन्हें यहां लाए जाने की मांग कर रहे थे।