शिमला।। मुख्यमत्री वीरभद्र सिंह के फेसबुक पेज पर कथित संदिग्धों के फोटो शेयर होने का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि सीएम के पेज से कुछ संदिग्धों फोटो शेयर होने और बाद में पुलिस द्वारा अन्य आरोपियों को पकड़ने से ही जनता उग्र हुई। मगर अब मुख्यमंत्री के पेज पर ऐडमिन की तरफ से एक पोस्ट के जरिए सफाई दी गई है, जिसमें कहा गया है कि तस्वीरें टेक्निकल एरर की वजह से अपलोड हुई थीं और कुछ ही सेकंडों के अंदर हटा ली गई थीं। मगर लोगों ने सवाल उठाते हुए कॉमेंट किए हैं कि यह कौन सी अनोखी टेक्निकल एरर है कि अपने आप ही फोटो फेसबुक पर अपलोड हो गए।
मुख्यमंत्री के पेज से डाली गई पोस्ट में लिखा गया है- प्रिंट और सोशल मीडिया पर खबर में संदिग्धों की तस्वीरें वायरल करने का दोष मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर दिया गया है। यह निराधार आरोप है। मुख्यमंत्री का पर्सनल फेसबुक पेज 2010 से काम कर रहा है और वीरभद्र सिंह के समर्थकों और वॉलंटियरों द्वारा इसका प्रबंधन किया जा रहा है। 11 जुलाई की रात को डाली गई पोस्ट का लॉगह चेक करें तो पता चलता है कि तस्वीरों को पेज पर टेक्निकल एरर की वजह से अपलोड किया गया था और कुछ ही सेकंडों में उन्हें हटा लिया गया था। यह असंभव है कि कुछ ही सेकंडों में लोग 4 तस्वीरों को डाउनलोड कर दें और उन्हें वायरल कर दें। ‘वीरभद्र सिंह’ के नाम से फेसबुक पर चल रहे पेज का किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है।
क्या कुछ सेकंडों में फोटो डाउनलोड नहीं हो सकता?
यह संभव है कि तस्वीरें एकमात्र मुख्यमंत्री के पेज से ही वायरल न हुई हों। क्योंकि बहुत से लोगों ने तस्वीरो को शेयर किया है। मगर यह भी तथ्य है कि मुख्यमंत्री के पेज से भी तस्वीरें शेयर हुई थीं। गलती किसी से भी हो सकती है। मुख्यमंत्री के पेज ऐडमिन ने गलती मानने के बजाय खुद को हास्यास्पद स्थिति में लाकर खड़ा किया है। ऊपर से यह सफाई देना कि कुछ सेकंडों में फोटो डाउनलोड नहीं हो सकती, बताता है कि फेसबुक पेज चलाने वाले या तो अन्य लोगों को नासमझ मान रहे हैं या उन्हें खुद ही नहीं पता।
दरअसल फेसबुक पर आप जो भी पोस्ट करते हैं, वह आपके दोस्तों या फॉलोअर्स की टाइमलाइन पर जाता है। जैसे ही तस्वीरें वाली पोस्ट शेयर हुई, वह उस वक्त ऑनलाइन रहे लोगों या फिर तुरंत अपनी न्यूज फीड चेक कर रहे लोगों की न्यूज फीड पर चली गई। भले ही पीछे से पेज ऐडमिन ने मूल पोस्ट में बदलाव कर दिए, मगर जिनकी न्यूजफीड में पोस्ट तस्वीरों के साथ चली गई है, उन्हें अपडेटेड पोस्ट तब तक नहीं दिखेगी जब तक कि वे अपनी न्यूज फीड को रिफ्रेश न करें या फिर मूल पोस्ट पर क्लिक करके पेज पर न जाएं। इसीलिए तस्वीरों वाली पोस्ट कितने भी सेकंड के अंदर हटाई गई होगी, वह बहुत लोगों तक पहुंची होगी। फेसबुक ने अपने हेल्प पेज में साफ लिखा है कि पेजों द्वारा डाली गई पोस्ट तुरंत 3% लाइक करने वालों की टाइमलाइन तक पहुंचती है।
लोगों ने ऐडमिन का बनाया मजाक
बहरहाल, मुख्यमंत्री की इस पोस्ट पर लोगों ने टिप्पणी करके पोस्ट डालने वाले को घेरा है। अखिल शर्मा कहते हैं कि लोग आजकल पढ़े-लिखे हैं। वे जानते हैं कि तकनीकी गलती क्या है और राजनीतिक गलती क्या है। इसी तरह से बलवंत शर्मा ने लिखा है- मुझे लगता है कि राजा साहब के काल में यह पहला ऐसा ब्लंडर है जो हुआ है। नवीन लिखते हैं- कृपया इस पोस्ट पर जवाब न दें, यह भी ऐडमिन की तकनीकी गलती है। नितिन शर्मा लिखते हैं कि यह कैसी टेक्निकल एरर है कि लोगों की तस्वीरें पेज पर पोस्ट हो गईं। एरर से तो लोग पोस्ट नहीं कर पाते। मगर यह पहली गलती है कि जिमें शब्द भी अपने आप आ गए। सर, जिसने पेज चलाया है, गलती उसी से हुई है।