मंडी।। कुछ अख़बारों और पोर्टलों ने कोविड 19 को लेकर लोगों में जागरूकता लाने की जगह ऐसा डर फैलाया है कि इसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। कोरोना के डर से कुछ लोग ज़िम्मेदारियों से ही हाथ धो बैठे हैं तो कुछ अपनी नाक मास्क के पीछे छिपाकर प्रदेश की नाक कटवा रहे हैं।
कोरोना ट्रेन और कोरोना विस्फोट जैसे शीर्षकों से डरे ग्रामीणों ने सड़क पर पत्थर रख दिए ताकि उनके इलाक़े में बनाए गए अस्थायी श्मशानघाट में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों का दाह संस्कार न हो।
अब तक हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित पाँच लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को मंडी जिले में 65 साल की एक बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ा जो किडनी की समस्या से जूझ रही थीं। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया मगर उससे पहले विवाद हो गया।
दरअसल बल्ह क्षेत्र के लोगों ने महिला के शव को नई जगह पर बनाए अस्थायी श्मशानघाट में जलाने का विरोध किया। उन्होंने सड़क पर पत्थर रख दिए। तनाव बढ़ा तो अतिरिक्त पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस प्रशासन ने लोगों को समझाने बुझाने की खूब कोशिशें कीं मगर नतीजा सिफ़र रहा।
बल्ह हलके के कंसा, टांवा के ग्रामीणों ने अस्थायी रूप से बनाए गए श्मशानघाट को जाने वाले रास्ते को पत्थर रखकर बंद कर दिया था। जब अतिरिक्त पुलिस बुलाई गई, तब भी लोग मानने को तैयार नहीं हुए। आख़िरकार प्रसाधन ने सुकेती खड्ड के किनारे महिला का दाह संस्कार किया। इससे पहले हमीरपुर से कोरोना मरीज़ के शव का अंतिम संस्कार भी यहीं किया गया था।
सरकार को चाहिए कि जागरूकता लाने के लिए और प्रयास करे।
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