HRTC के RM का आरोप- शिमला पुलिस ने सोडे को हेरोइन बता किया ब्लैकमेल

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शिमला।। पिछले दिनों शिमला के शोघी में एचआरटीसी के आरएम को चिट्टे की तस्करी में पकड़े जाने की खबर आई थी। अब नया मोड़ आया है। एचआरटीसी के सस्पेंड किए गए आरएम ने सफाई देते हुए कहा कि पुलिस ने झूठी एफआईआर बनाकर मामला प्लांट कर उन्हें फसाया है। उन्होंने दावा किया है कि जिसे पुलिस ने चिट्टा बताया, वह फरेंसिक जांच में बेकिंग सोडा निकला।

 

राणा ने शिमला में प्रेसवार्ता का आयोजन करके आरोप लगाया कि तत्कालीन एसपी शिमला ने उन्हें सोची समझी साजिश के तहत फंसाया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने उन्हें 13 जुलाई को बरी कर दिया था और पुलिस जिसे चिट्टा बता रही थी, वह सोडा निकला।

 

राणा ने कहा कि वह पुलिस पर उनके ऊपर झूठी एफआईआर दर्ज करने के मामले में कोर्ट में केस करेंगे और एसपी शिमला रहे डी.डब्ल्यू. नेगी के खिलाफ 50 लाख का मानहानि का मुकदमा करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद वो जीपीएस की फुटेज और एसएचओ द्वारा उनसे मांगे गए 5 लाख रुपये की वीडियो जारी करेंगे और बड़ा खुलासा करेंगे।

 

बता दें कि इसी साल 30 अप्रैल को पुलिस ने एचआरटीसी के आरएम को 4 किलो चिट्टे के साथ पकड़ने का दावा किया था। मगर राणा ने बताया कि पुलिस के अनुसार 30 अप्रैल की रात 12: 45 बजे जब वह सोलन से शिमला आ रहे थे तो शोघी में पुलिस ने नाका लगा कर उनकी गाड़ी में से चिट्टा पकड़ा और गाड़ी चालक ने कहा कि बैग आरएम का है। राणा ने कहा कि यह पुलिस ने मंगगढ़ंत कहानी बनाई है।

 

उन्होंने कहा- वास्तविकता यह है कि 30 अप्रैल को सायं 7 :30 बजे वह अपनी गाड़ी में उनके दोस्त राजीव और एक अन्य जो राजीव का दोस्त है उसके साथ शिमला से सोलन जा रहे रहे थे, तभी सीआईए के स्टाफ ने शोघी में उन्हें गाड़ी रोक कर उनके साथ मारपीट की और जो बैग तीसरे व्यक्ति के पास था, जिसका नाम विकास था उसे उनका बैग बताकर कहा कि इसमें चिट्टा है और उन्हें बालूगंज थाना ले गए।

 

राणा का कहना है कि वहां पर डीएसपी रतन नेगी ने उनके साथ मारपीट की और 5 से 7 लाख रुपये की मांग की। उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ी में जीपीएस लगा है जो सही लोकेशन बताता है उनकी गाड़ी 10 बजे बालूगंज थाना में खड़ी हो गई थी जो कई दिन तक हिली नहीं तो पुलिस ने 12:45 बजे पर कैसे शोघी में नाका लगाकर पकड़ लिया।

 

राणा के आरोपों से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई है।