शिमला।। जैसे कयास लगाए जा रहे थे, उन्हीं के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी बिना सीएम कैंडिडेट घोषित किए चुनाव लड़ेगी। ‘इन हिमाचल’ को सूत्रों से पता चला है कि बीजेपी ने दिसंबर तक संभावित चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित करने का विचार छोड़ दिया है। जानकारी मिली है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में शामिल केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने ही इस बात की अनुशंसा की है कि चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा जाना चाहिए।
इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि जेपी नड्डा को सीएम का फेस बनाकर हिमाचल भेजा जा सकता है। मगर अब पार्टी में अहम फैसले की जानकारी रखने का दावा करने वाले एक पदाधिकारी का कहना है कि किसी का भी नाम घोषित नहीं किया जाएगा। उन्होंने दावा किया है कि पार्टी नेतृत्व ने पहले नड्डा का नाम आगे करने का फैसला किया था मगर फिर नड्डा ने यह कहते हुए ऐसा न करने की सलाह दी कि इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक नड्डा ने कहा कि प्रदेश में अभी भी बहुत से कार्यकर्ता ऐसे हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को पहली पसंद मानते हैं। ऐसे में अगर पार्टी धूमल की जगह उन्हें चेहरा बनाती है तो उन कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर सकता है और कुछ कार्यकर्ता अंदरखाने पार्टी को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। बताया जाता है कि नड्डा ने यह फीडबैक हिमाचल बीजेपी के अपने करीबी नेताओं और विधायकों की सलाह पर दिया है। नड्डा का कहना था कि पार्टी को अन्य राज्यों की तरह प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के आधार पर ही हिमाचल में चुनाव लड़कर सत्ता में आना चाहिए।
बताया जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने नड्डा और अन्य नेताओं की सलाह पर गौर फरमाते हुए इस बात के लिए सहमति दे दी है कि चुनाव प्रधानमंत्री के नाम पर ही लड़े जाएं। दरअसल शाह जानते हैं कि यह हिमाचल से कांग्रेस को बड़े स्तर पर खत्म करने का मौका है क्योंकि वीरभद्र के बाद कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर फूट पड़ जाएगी। इसलिए वह नहीं चाहते कि उनकी पार्टी में भी घमासान मचे और उसकी स्थिति कांग्रेस के बराबर आ जाए।