अपने मोबाइल रिकॉर्डिंग से फंसे SIT में शामिल पुलिसकर्मी?

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शिमला।। सीबीआई ने गुड़िया मामले के संदिग्ध सूरज की जेल में हुई मौत के मामले में जो चार्जशीट दाखिल की है, उससे हिमाचल प्रदेश पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस चार्जशीट के मुताबिक सूरज की मौत राजू से मारपीट के कारण नहीं, बल्कि एसआईटी के टॉर्चर से हुई है। यह बात अलग है कि अभी तक एसआईटी के गिरफ्तार किए गए सदस्यों ने अपना गुनाह नहीं कबूला है और अब अदालत को तय करना है कि वे दोषी हैं या नहीं। मगर अब तक सीबीआई की जांच कुछ अहम बातों की तरफ इशारा करती है।

‘मोबाइल और कंप्यूटर से मिली रिकॉर्डिंग’
ख़बर है कि सीबीआई को जांच के दौरान एसआईटी के चीफ और आईजी जहूर जैदी के दफ्तर के कंप्यूटर से एक वीडियो रिकॉर्डिंग मिली, जिसका जिक्र चार्जशीट में भी है। इसमें एक संदिग्ध लोकजन उर्फ छोटू को घटनास्थल ले जाया जा रहा है जिसमें वह सही से चल नहीं पा रही। हिंदी अख़बार पंजाब केसरी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इससे अंदाज़ा लगाया ज ासकता है कि उसके ऊफर गुनाह कबूलने के लिए कितना प्रेशर डाला गया होगा। उनके मोबाइल से भी एक क्लिप मिलने की बात कही गई है।

‘संतरी के बयान का डीजीपी से छिपाया गया’
सीबीआई को जांच मे पता चला कि जब सूरज की मौत हुई तो डीजीपी के आदेश के बाद एसआईटी चीफ जहूर जैदी कोटखाई पुलिस स्टेशन पहुंचे और उन्होंने फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तैयार की। अखबार सूत्रों के हवाले से लिखता है कि संतरी दिनेश शर्मा के बयान लेने के दौरान उन्होंने अपने मोबाइल में भी रिकॉर्डिंग ली। मगर दिनेश के बयानों को डीजीपी तक नहीं पहुंचाया गया और ‘सोची समझी चाल के तहत’ राजू के खिलाफ मामला दर्ज होने दिया गया।

वॉइस रिकॉर्डिंग से भी मिली जांच में मदद
यही नहीं, एएसपी भजन नेगी ने एक मोबाइल रिकॉर्डिंग बनाई थी, जिसमें चारों संदिग्धों से पूछताछ की जा रही थी। चारों गुनाह न कबूलने की बात कह रहे थे। इसकी वॉइस रिकॉर्डिंग नेगी ने अपने फोन में बनाई थी। जब सीबीआई ने नेगी का फोन अपने कब्जे में लिया तब यह रिकॉर्डिंग मिली।

अब तक सीबीआई ने एसआईटी के सभी आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिसमें चीफ आईजी ज़हूर ज़ैदी, डीएसपी मनोज जोशी, एसएचओ राजेंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, कांस्टेबल रंजीत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल और रफीक अली शामिल हैं। नौवीं गिरफ्तारी शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी की हुई थी।

अखबार के मुताबिक सूत्र कहते हैं कि एसआईटी से जुड़े कुछ अधिकारी संदिग्धों पर गुनाह कबूलने के लिए दबाव बना रहे थे। इसी कारण प्रताड़ना की वजह से सूरज की मौत हुई और एसआईटी ने नई कहानी गढ़ दी।