शिमला।। शिमला के ठियोग में 4 अगस्त को एचआरटीसी के बस अड्डे की पुुुरानी बिल्डिंग ढह गई थी। इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई थी और 6 जख्मी हो गए थे। इस मामले में ‘न्यूज 18’ ने बड़ा खुलासा किया है।
‘न्यूज 18’ के मुताबिक ठियोग हादसे में 4 जिंदगियां बच जाती और 6 लोगों को कभी न भरने वाले जख्म न मिलते, अगर एचआरटीसी और बीएसएमडीए प्रबंधन घोर लाहपरवाही न करते। अखबार के मुताबिक एचआरटीसी का यह जर्जर भवन वर्ष 2013 में ही गिरा दिया जाना चाहिए था, मगर लापरवाह अफसरशाही 4 साल तक भवन के गिरने का इंतजार करती रही।
‘न्यूज-18’ ने दावा किया है कि उसके हाथ लगे अहम दस्तावेज तो यहीं दासतां बयां कर रहे हैं कि ठियोग बस अड्डा की जर्जर हालत और इसको गिराने के लिए अधिनस्थ अधिकारियों ने प्रबंधन और शीर्ष अधिकारियों को 20 पत्र लिखे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इनमें से कुछ पत्रों में क्या लिखा था, यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।