पिछली सरकारों की राह चली जयराम सरकार, तीसरी बार लेगी कर्ज

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शिमला।। दो महीने के अंदर पहले ही दो बार 500-500 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी जयराम सरकार अब तीसरी बार 500 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक यह कर्ज तो लिया जाएगा विकास कार्यों के नाम पर, मगर इसे खर्च किया जाएगा वेतन और पेंशन देने पर (स्रोत)।

हिमाचल प्रदेश पर पहले ही 45 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है और अब कर्मचारियों और पेंशनरो को लाभ आदि देने में पैसा कम पड़ रहा है। इसलिए पिछली सरकारों के समय चला आ रहा कर्ज लेने का दुष्चक्र टूट नहीं रहा और जयराम सरकार भी इसी राह पर चल रही है।

यह स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश के खर्च ज्यादा हैं और आय के साधन कम। ऐसे में पहले से ही कर्ज में डूबा प्रदेश और कर्ज में डूबा चला जा रहा है क्योंकि सरकारें यह नहीं सोच रही कि हिमाचल कैसे अतिरिक्त आय कर सकता है। गुरुवार को वित्त विभाग ने कर्ज के लिए अधिसूचना जारी की है और इसके लिए सरकार अपनी प्रतिभूतियां बेचेगी।

नई सरकार ने अब तक एक भी कदम ऐसा नहीं उठाया है जिससे प्रदेश के लिए आय के नए स्रोत विकसित हों या फिर पहले से ही मौजूद स्रोत और आय देने लगें। हां, इधर-उधर के खर्च बढ़ाने के लिए तरह-तरह के ऐलान जरूर कर दिए हैं। कहावत है- पैसा बचाना भी पैसा कमाने के बराबर है। मगर नई सरकार इस दिशा में कुछ करती नजर नहीं आ रही।