शिमला।। हिमाचल प्रदेश निर्माता डॉक्टर यशवंत परमार का सियासी इस्तेमाल तब तक किया गया, जब तक राजनेताओं ने उनके नाम पर खुद को स्थापित नहीं कर लिया। मगर किसी ने उनके इलाके के विकास की तरफ ध्यान नहीं दिया। सिरमौर के कई इलाके आज प्रदेश में सबसे पिछड़े और उपेक्षित हैं।
अब चुनाव के बहाने ही सही, ऐसी-ऐसी बातें सामने आ रही हैं जो दिखाती हैं कि हमारे राजनेता, हमारी सरकारें डॉक्टर परमार के प्रति कितनी उदासीन हैं। डॉक्टर परमार के गांव तक जाने वाले सड़क आज भी कच्ची है। इस मामले को उठाया है अमर उजाला ने और बताया है कि खस्ताहाल सड़क पर जगह-जगह गड्ढे पढ़े हुए हैं।
डॉक्टर परमार की जन्मभूमि चन्हालग की हालत सिरमौर की अन्य कई सड़कों की तरह खस्ताहाल है। बनेठी, बागथन, राजगढ़, चंदोल सड़क 50 साल बाद भी खस्ताहाल है। इसका कुछ हिस्सा पक्का नहीं हो पाया है और जो पक्का हो चुका था, उसकी टारिंग भी अब निकलने लगी है।