कोरोना वायरस की ज़रूरी बातें जो आपको मालूम होनी चाहिए

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इन हिमाचल डेस्क।। कोरोना वायरस के दो मामले हिमाचल में पाए जाने के बाद लोगों में डर का माहौल है। हालाँकि, डरने की ज़रूरत नहीं है और कुछ सावधानियाँ बरतकर आप ख़ुद भी सुरक्षित रह सकते हैं और अपने परिजनों और क़रीबियों को भी सेफ़ रख सकते हैं।

कोरोना वायरस बुजुर्गों, बच्चों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को आसानी से निशाना बनाता है। मगर इसका मतलब यह नहीं कि युवा और तंदरुस्त लोग सुरक्षित हैं। ख़तरा सभी को है। मगर समय पर लक्षणों की पहचान करके इलाज शुरू करने पर आप सुरक्षित रह सकते हैं। मगर ऐसी नौबत ही न आए, इसके लिए ज़रूरी है कि आपको इस वायरस को लेकर कुछ बुनियादी बातें मालूम हों।

कोरोना फैलता कैसे है?
जब कोई शख़्स ख़ांसता या छींकता है तो उसके मुँह और नाक से निकले कई सारे महीन कण हवा में छूट जाते हैं। बहुत सारी बीमारियाँ इन्हीं कणों के माध्यम से एक शख़्स से दूसरे में फैलती हैं। कोरोना वायरस भी ऐसे ही फैलता है। 

अगर संक्रमित व्यक्ति ने छींका और आप उसके ऐसे ही महीन कणों के संपर्क में आए तो आपको संक्रमण हो सकता है। अगर ये कण आपकी नाक, मुँह और आँखों में चले जाएं तो आप भी संक्रमित हो सकते हैं। या फिर ये कण आपके हाथों में लगे हों आप उससे अपने मुँह, आँख वग़ैरह को छू लें तो भी ख़तरा है।

इसीलिए कहा जाता है कि स्वस्थ व्यक्ति मास्क पहने या न पहने, खांसी जुकाम या कोरोना से पीड़ित व्यक्ति को ज़रूर मास्क पहनना चाहिए ताकि खांस-छींककर वह बाक़ी लोगों को संक्रमित न कर दे। हालाँकि, अब सभी लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहें।

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सीधे संपर्क के अलावा भी क्या कोरोना फैल सकता है?
इधर-उधर गिरी थूक आदि की बूँदों में ये वायरस तीन चार घटों तक ही सक्रिय रहता है मगर कार, दरवाज़ों के हैंडल और लिफ़्ट के बटन वग़ैरह पर थूक या छींक की बूँदें गिरी हों तो ख़तरा 48 घटों तक है।

शोध कहते हैं कि अगर संक्रमित व्यक्ति के थूक के कण किसी सख्त सतह, जैसे कि लोहा, प्लास्टिक और स्टील में पड़ें तो वहाँ ये 48 घटों तक सक्रिय रह सकते हैं। कुछ परिस्थितियों में ये वायरस दो तीन दिन और कई बार तो एक हफ़्ते तक सक्रिय रह सकता है।

इसीलिए किसी भी चीज़ को न छूने और छू लेने पर बढ़िया से हाथ धोने और तुरंत सैनिटाइज़र यूज करने की सलाह दी जाती है और चेहरे को छूने से बचने के लिए कहा जाता है।

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तापमान का असर होता है?
सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा है कि गरम वातावरण में कोरोना नष्ट हो जाता है। कहा जा रहा है कि भारत में गर्मियों में यह वायरस ख़त्म हो जाएगा।

यूनिसेफ़ के अनुसार यह अफ़वाह है और जिस तापमान में कोरोना नष्ट होता है, उतना तापमान किसी भी देश में नहीं होता। इसलिए गर्म-ठंडे तापमान के चक्कर में न पड़ें, सावधानी बरतें।

लक्षण क्या हैं
इसके शुरुआती लक्षण सर्दी जुकाम जैसे होते हैं। यह वायरस फेफड़ों में इनफ़ेक्शन करता है। इससे बुख़ार होता है, फिर सूखी खांसी आती है और फिर सांस लेने में समस्या आने लगती है।

वायरस की चपेट में आने के पाँच दिनों में लक्षण दिखना शुरू होते हैं। हालाँकि, कुछ मामलों में और समय लग सकता है। WHO का कहना है कि वायरस की चपेट में आने और लक्षण दिखने तक दो हफ्ते लग सकते हैं। हालांकि कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार 24 दिन तक लग सकते हैं।

लक्षण न दिख रहे हों, तब भी संक्रमित व्यक्ति दूसरे शख़्स में संक्रमण फैला सकता है। इसलिए, सर्दी जुकाम का लक्षण दिखे तो तुरंत नज़दीकी अस्पताल जाएं और जाँच करवाएं। डर के मारे घर पर बैठे रहे तो समस्या से आपके लिए तो गंभीर होगी ही, परिजनों से लेकर पूरे समाज को आप ख़तरे में डाल देंगे।

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