बीजेपी में शामिल होते ही ‘भ्रष्टाचारी’ नहीं रहे अनिल शर्मा?

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शिमला।। कांग्रेस सरकार में मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे अनिल शर्मा ने बीजेपी जॉइन कर ली है। मंडी से विधायक अनिल शर्मा आज भले ही बीजेपी के दुलारे बन गए हैं, मगर दिसंबर 2016 में बीजेपी ने उनके ऊपर कई घोटाले करने का आरोप लगाया था और उन्हें ‘चोर’ कहा था। बीजेपी ने जो चार्जशीट राज्यपाल को सौंपी थी, उसे ‘अली बाबा और चालीस चोर’ नाम दिया गया था। इसमें बीजेपी ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सीपीएस और अन्य नेताओं पर आरोप लगाए थे।

 

जानें, इस चार्जशीट में क्या आरोप लगाए थे बीजेपी ने अनिल शर्मा पर:

 

पहला आरोप: अनिल शर्मा ने विधानसभा चुनाव के दौरान हलफनामा देकर मंडी स्थित होटल पांच साल से बंद होटल और 1970 में लगाए सेब के बगीचे से करोड़ों रुपये की आमदनी दर्शाई है।

दूसरा आरोप: तीन मंजिल की मंजूरी होने के बावजूद मंत्री ने अपने होटल मैफेयर को छह मंजिल तक बना लिया। विजिलेंस द्वारा जांच के बावजूद जांच से बचने के लिए होटल का नाम बदलकर रिजेंट पाम रख दिया।

तीसरा आरोप: मंडी के राजमहल जमीन के सौदे में मंत्री के खाते से लाखों रुपये संजय कुमार को भेजे गए। बेनामी सौदा खूब राम के नाम से हुआ जिसका सूत्रधार संजय था।

चौथा आरोप: पशुपालन विभाग में दवाओं की खरीद के लिए जिन 30 फर्मों के साथ रेट कांट्रेक्ट किया गया उनमें से 15 को सरकार व विभाग ने ब्लैलिस्ट कर रखा है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में प्रदेश सरकार को कापी दी लेकिन अब भी सरकार महंगी दरों पर दवाएं खरीद रही है।

इन आरोपों के बाद अनिल शर्मा ने मानहानि का केस करने की बात कही थी और यह भी कहा था कि अगर एक भी आरोप साबित होता है तो वह राजनीति छोड़ देंगे। मगर अब उन्होंने आरोप लगाने वाली पार्टी चुन ली है। इस आरोपपत्र को बीजेपी ने तथ्यों पर आधारित बताया था और कहा था कि सत्ता में आने पर जांच होगी और दोषी सलाखों के पीछे होंगे।

ऐसे में चर्चा जारी है कि क्या इन दिनों ‘हिसाब मांगे हिमाचल’ अभियान चला रही बीजेपी ने अनिल शर्मा से भी हिसाब मांगा है या बीजेपी में आने के बाद सब पवित्र हो जाता है?