सामने आया विधायक राकेश पठानिया और महिला कॉन्स्टेबल की बहस का वीडियो

शिमला।। हिमाचल प्रदेश की राजधानी में कई सड़कें सील्ड हैं यानी वहां विशेष वाहनों को ही चलने की इजाजत होती है। ऐसे ही सील्ड रोड पर बिना परमिट की कार को रोकने वाली एक महिला कॉन्स्टेबल के खिलाफ महकमे ने जांच के आदेश दिए हैं और जांच जारी रहने तक ट्रैफिक पुलिस ऑफिस में ड्यूटी देने के लिए कहा गया है।

दरअसल महिला कॉन्स्टेबल के खिलाफ यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि जिस कार को उसने रोका था, उसमें नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया बैठे हुए थे। अब कॉन्स्टेबल के खिलाफ राकेश पठानिया ने बदतमीजी आरोप लगाया है। विधायक का कहना है कि महिला कॉन्स्टेबल ने बदतमीजी की और उसने वर्दी पर नेम प्लेट भी नहीं लगाई थी।

क्या है कॉन्स्टेबल का जवाब
अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब में महिला कॉन्स्टेबल का कहना था कि जब वह ड्यूटी कर रही थीं, तभी कालीबाड़ी की ओऱ से ऑल्टो कार आई जिसमें न सील्ड रोड पर चलने का परमिट था न ही एमएलए का स्टिकर लगा था, इसलिए गाड़ी रोकी। कॉन्स्टेबल के अनुसार गाड़ी रोकने पर विधायक उतरे और भड़क गए। विधायक के नेमप्लेट न पहने होने के आरोपों के जवाब में कॉन्स्टेबल ने कहा कि नेमप्लेट वर्दी में लगी थी मगर जैकेट के नीचे वह छिप गई थी।

महिला कॉन्स्टेबल का यह भी कहना था कि एजी चौक से सीटीओ तक प्रदेश हाई कोर्ट ने परमिट वाली गाड़ियों के आने-जाने पर भी रोक लगा रही है, ऐसे में विधायक की भी गाड़ी यहां तक नहीं आ सकती। ऊपर से विधायक जिस गाड़ी में थे, उसके पास परमिट भी नहीं था। इसके बाद विधायक ने शिकायत की थी कि महिला कॉन्स्टेबल ने कथित तौर पर अपना नाम नहीं बताया और कहा कि मेरा नाम एसपी ऑफिस जाकर पता कर लेना।

अब 13 सेकंड का वीडियो सामने आया है जिसमें विधायक और महिला कॉन्स्टेबल में बहस हो रही है। देखें-

इस वीडियो में दोनों के चेहरे नजर नहीं आ रहे हैं और संभवत: कॉन्स्टेबल ने ही इस वीडियो को रिकॉर्ड किया है। इसमें कुछ इस तरह की बात होती सुनाई दे रही है-

महिला कॉन्स्टेबल- कर लिया है नोट

विधायक- चल जरा, चालान करके दिखा

महिला कॉन्स्टेबल- वो मैंने कर लिया है, आप नहीं बताएंगे कि कब करूंगी, कैसे करूंगी, हां.. अपणी जगह होंगे जो भी है..

पीछे से विधायक ‘मैं बताता हूं…’ बोलते सुनाई दे रहे हैं और आवाज़ अस्पष्ट हो जाती है।

इस वीडियो से पहले और बाद में क्या बात हुई, यह स्पष्ट नहीं है। मगर वीडियो से यह भी स्पष्ट होता है कैसे जनता का चुना नुमाइंदा यह कह रहा है कि ‘चालान करके दिखा।’ सवाल उठ रहा है कि क्या जनता के चुने नुमाइंदे तोप हो जाते हैं कि पुलिस उन्हें किसी तरह का नियम तोड़ने पर रोक नहीं सकती?

अगर इस तरह का व्यवहार जनप्रतिनिधि करेंगे तो ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों से आम जनता कैसा व्यवहार करेगी? अब मांग उठ रही है कि जांच न सिर्फ महिला पुलिस कॉन्स्टेबल के खिलाफ, बल्कि विधायक के खिलाफ भी होनी चाहिए कि उन्होंने सील्ड रोड में एंट्री कैसे की, ऊपर से ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिस कॉन्स्टेबल से कैसे बात की और क्यों धमकाया।

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