कयास लगाए जा रहे हैं कि घुमारवीं के विधायक एवं सीपीएस राजेश धर्माणी हिमाचल कैबिनेट का नया चेहरा हो सकते हैं। वीरभद्र सिंह पर इस संसदीय क्षेत्र में पैदा हुए असंतुलन को ठीक करने का दबाव बना हुआ है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि हाईकमान ने दिल्ली में इस बात को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की है। वैसे तो कैबिनेट में मंत्रियों के संख्या पूरी हो गयी है परन्तु ख़राब सेहत के चलते आई पी एच मंत्रीं विद्या स्टोक्स धर्माणी के लिए अपनी सीट छोड़ सकती हैं या विवादों में फंसते जा रहे ठाकुर सिंह भरमौरी से इस्तीफा लिया जा सकता है। राजेश धर्माणी राहुल गांधी के भी ख़ास सिपहसलार भी रहे हैं।राजनितिक परिचय
बिलासपुर जिले की घुमारवीं विधानसभा को रीप्रेसन्ट करने वाले धर्माणी का जन्म 2 अप्रैल 1972 को घुमारवीं के पास लगते बाड़ी करगोड़ा गावं में हुआ था। राजेश धर्माणी के दादा इलाके के एक प्रसिद्ध बोटी थे। इनके पिता रतन लाल शिक्षा विभाग में मुख्याध्यापक पद से सेवानिवृत हुए है।
यूथ कांग्रेस से राजनीति में प्रवेश करते हुए धर्माणी ने 2007 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। राहुल गांधी के ख़ास राजेश धर्माणी 2012 में लगातार दूसरी बार घुमारवीं से जीत कर आये हैं और फिलहाल सी पी एस (वन विभाग ) के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसी के साथ धर्माणी जिला बिलासपुर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं।राजनीति के अतिरिक्त धर्माणी संवेदना नाम से एक चैरिटेबल सोसाइटी भी चलाते हैं जो गरीब छात्रों और विधवाओं के हितों के लिए कार्य करती है।
इलाके में धर्माणी अपने मृदु सवभाव के लिए जाने जाते हैं। पढ़े लिखे वर्ग से लेकर समाज के पिछड़े तबके तक धर्माणी की एक अलग पैठ है। वही विधानसभा में धर्माणी अपने आक्रामक तेवरों के लिए भी विख्यात हैं। सी पी एस होने के बावजूद धर्माणी से मिलने वाली त तमाम सहूलते वापिस कर दी हैं। अब देखना यह होगा की वीरभद्र सिंह से 36 के आंकड़े के बावजूद क्या धर्माणी अगर मंत्री बन भी जाते हैं तो सामंजस्य बिठा पाएंगे या नहीं।